बिहार में विधानसभा चुनाव अगर सही समय पर हो तो अगले साल होगा। यानि एक साल का वक्त बचा हुआ है। आज की स्थिति अगर बनी रही तो बिहार विधानसभा चुनाव में मामला आमने सामने का नहीं, पांच दावेदारों के बीच होगा। अभी एनडीए की सरकार है और मुख्य विपक्ष में राजद, कांग्रेस और वामदलों का महागठबंधन है। लेकिन अगले चुनाव में बिहार में सिर्फ यही दोनों गठबंधनों के बीच मुकाबला नहीं है क्योंकि तीन और भी बिहार के दावेदार मैदान में आ चुके हैं।
एनडीए : पिछले 20 सालों में लगभग 15 साल बिहार में एनडीए की सरकार रही है। इसमें भाजपा और जदयू मुख्य साझीदार रहे हैं। इस लिहाज से बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए एक बार फिर दावेदारी की पुरजोर कोशिश करेगा, जिसमें भाजपा और जदयू का साथ देने वाले लोजपा रामविलास, हम सेक्युलर और राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल होंगी।
महागठबंधन : महागठबंधन में राजद और कांग्रेस के अलावा वाम दल और वीआईपी शामिल हैं। एनडीए को देश भर में कांग्रेस टक्कर दे रही है जबकि बिहार में एनडीए का मुख्य मुकाबला राजद से है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और वामदल भी एनडीए को टेंशन दे चुके हैं। ऐसे में महागठबंधन भी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मुख्य दावेदार होगा।
जन सुराज : जब भी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की बात हो रही है, नाम जन सुराज का भी लिया जाने लगा है। पदयात्रा से शुरुआत कर पूर्व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने 2025 का विधानसभा चुनाव पूरे दमखम से लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। प्रशांत किशोर सभी 243 सीटों पर जन सुराज के उम्मीदवार खड़ा करने का दावा कर रहे हैं।
रामविलास लोजपा : एनडीए से बाहर हो चुके रामविलास लोजपा के नेता पशुपति पारस ने भी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करने की घोषणा कर दी है। चर्चा है कि पशुपति पारस को भाजपा की ओर से राज्यसभा भेजे जाने की उम्मीद थी। लेकिन टिकट कटने के बाद हवा हुई राज्यसभा की दावेदारी के बाद अब अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करने के लिए पारस ने बिहार विधानसभा चुनाव का दांव चला है।
एआईएमआईएम : वैसे तो एआईएमआईएम खुद को एनडीए का विरोधी बताती है लेकिन उसके साथ मुश्किल यह है कि महागठबंधन या I.N.D.I.A. में भी एआईएमआईएम को जगह नहीं दी जाती है। एआईएमआईएम अकेले चुनाव लड़ती है। कई सीटों पर प्रभावी भी हो जाती है। 2020 के चुनाव में पांच सीटों पर चुनाव जीत चुकी एआईएमआईएम ने दर्जन भर सीटों पर राजद को हरवा भी दिया। गोपालगंज विधानसभा के उपचुनाव में भी एआईएमआईएम ने राजद को हरवा दिया। इस लिहाज एआईएमआईएम भी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महत्वपूर्ण फैक्टर साबित हो सकती है।