बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव व राबड़ी देवी के साथ अब मौजूदा डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी भारी मुसीबत में फंसते दिख रहे हैं। ED ने लालू परिवार के 24 ठिकानों पर रेड डाली है। अब ईडी ने खुलासा किया है कि छापेमारी में 600 करोड़ रुपए की संपत्ति का खुलासा हुआ है। ईडी के दावे के बाद लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों को ईडी साबित कर रही है। ईडी का दावा है कि छापेमारी के दौरान लालू परिवार के खिलाफ पक्के सबूत भी मिले हैं।
मोदी ने ली चुटकी, केंद्रीय एजेंसियों और लालू परिवार का संबंध 30 साल पुराना
छापेमारी में क्या क्या मिला
- 1 करोड़ रुपये की बिना हिसाब-किताब की नकदी
- 1900 अमेरिकी डॉलर सहित दूसरी विदेशी मुद्रा
- 540 ग्राम सोने की ईंट
- डेढ़ किलोग्राम से ज्यादा सोने के आभूषण
- 350 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति
- बेनामी लोगों के नाम पर 250 करोड़ रुपये के लेनदेन
नौकरी के बदले 200 करोड़ की जमीन ली
छापेमारी के बाद ईडी का दावा है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव और उनके परिजनों के नाम पर कई जमीनें हैं। इसमें वे जमीनें भी शामिल हैं, जिसे नौकरी दिलाने के एवज में रजिस्ट्री लालू के परिजनों के नाम पर कराई गई है। ईडी का दावा है कि ऐसे जमीनों की वर्तमान कीमत 200 करोड़ रुपए से अधिक है।
तेजस्वी इस बार फंसे?
वैसे तो बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पहले से भी अवैध संपत्ति के मामले में ईडी, आईटी और सीबीआई के फेरे में हैं। लेकिन इस बार की छापेमारी में उनके खिलाफ पुख्ता सबूत का दावा ईडी ने किया है। ईडी का कहना है कि दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के D-1088 नंबर का मकान ,मेसर्स ए बी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर रजिस्टर्ड है। यह एक चार मंजिला कोठी है, जो तेजस्वी प्रसाद यादव और उनके परिवार के स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनी एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड की है। 150 करोड़ के मूल्य वाले इस बंगले को तेजस्वी यादव और उनके परिवार को कागज पर मात्र 4 लाख रुपए में मिल गई है।