[Team Insider] : जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने पहले 15 सदस्यीय स्टार प्रचारकों की सूची जारी की थी। इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का नाम नहीं रखा गया था। इसको लेकर काफी बवाल मचा। अब जनता दल यूनाइटेड ने नई सूची जारी कर विवाद को खत्म करने का निर्णय लिया है।
यूपी चुनाव को लेकर बिहार की राजनीति में बवाल
विधानसभा चुनाव (UP Election) उत्तर प्रदेश में है और बवाल बिहार की राजनीति में मचा है। बिहार में एनडीए (NDA) की साझीदार जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने अकेले दम पर चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया है। उम्मीदवारों के नाम की घोषणा हो चुकी है। इसके बाद स्टार प्रचारकों (JDU Star Campaigner) की सूची जारी की गई। इसमें जदयू का चेहरा माने जाने वाले नीतीश कुमार (NitiSh Kumar) और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (RCP Singh) का नाम ही नहीं था। इस मामले को लेकर जदयू के भीतर ही सियासी संग्राम छिड़ गया। यूपी चुनाव (UP Chunav) को लेकर जदयू की ओर से तैयारियों का पूरा जिम्मा राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने संभाल रखा है। बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष वे यूपी चुनाव में पार्टी को अगल रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, इसको लेकर वे एनडीए के सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (BJP) को भी नाराज करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में पार्टी के शीर्ष नेताओं का गुस्सा भी सामने आ रहा है। ललन ने यूपी चुनाव (UP Election 2022) के लिए भाजपा के साथ गठबंधन नहीं होने को लेकर सीधे तौर पर आरसीपी सिंह को जिम्मेदार ठहरा दिया था। इसके बाद से राष्ट्रीय अध्यक्ष पर ही सवाल उठने लगे।
ललन ने पार्टी के नेताओं का मोल लिया विरोध
केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह पर सवाल खड़ा किए जाने के बाद ललन सिंह की काबिलियत पर सवाल उठने लगा। आरसीपी ने यूपी से लेकर बिहार तक पार्टी को खड़ा करने में बड़ी भूमिका निभाई है। अब तक इस दिशा में ललन की ओर से कोई ठोस काम नहीं हुआ है। ललन अब भले ही कह रहे हों कि आरसीपी को केंद्र में भाजपा के साथ यूपी चुनाव में गठबंधन का दायित्व दिया गया था। लेकिन, बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष वे यूपी के चुनावी मैदान में अब तक अपनी उपस्थिति तक दर्ज नहीं करा पाए हैं। ऐसे में सीधे एक शीर्ष नेता को कटघड़े में खड़ा कर उन्होंने पार्टी के नेताओं का विरोध मोल ले लिया है।
स्टार प्रचारकों की सूची पर लगातार सवाल उठा रहे थे आरसीपी सिंह
जदयू की 15 सदस्यीय स्टार प्रचारकों की सूची में नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह का नाम नहीं होने के बाद ललन सिंह लगातार अपनी पार्टी के निशाने पर थे। आरसीपी सिंह जब मीडिया के सामने आए तो उन्होंने स्टार प्रचारकों की सूची पर भी सवाल उठाए। हालांकि, उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष के फैसलों और बयानों पर कोई भी जवाब देने से मना कर दिया। इसके बाद ललन सिंह पर हर किसी की निगाह थी। उन्होंने आनन-फानन में स्टार प्रचारकों की सूची को संशोधित कर चुनाव आयोग में भेजने का निर्णय ले लिया। पार्टी की ओर से जारी की गई संशोधित स्टार प्रचारकों की सूची में अब नीतीश कुमार भी हैं और आरसीपी सिंह भी। माना जा रहा है कि इससे पार्टी नेताओं के आक्रोश को शांत कराने में उन्हें मिल सकती है।