24 दिसंबर 2024 को आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया, जब उन्होंने केरल के राज्यपाल के रूप में अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिहार समेत पांच राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति की घोषणा की, जिसमें बिहार के पूर्व राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को केरल का राज्यपाल बनाया गया और आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया।
आरिफ मोहम्मद खान का राजनीतिक करियर लंबा और विविधतापूर्ण रहा है। वह 1970 के दशक में कांग्रेस से जुड़े और बाद में वीपी सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे। वह मुस्लिम समाज में प्रगतिशील विचारों के लिए मशहूर हैं, और 2019 में तीन तलाक पर सरकार का समर्थन करने के बाद उन्हें केरल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। अब, बिहार में उनकी नियुक्ति को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह नियुक्ति 2025 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए की गई है, जिससे भाजपा राज्य में मुस्लिम समुदाय के प्रगतिशील चेहरों को सम्मान देने का संदेश देना चाहती है। इसके साथ ही, आरिफ मोहम्मद खान की संविधान और राज्य राजनीति की गहरी समझ उन्हें बिहार के लिए एक सक्षम राज्यपाल बना सकती है।
बीजेपी की यह रणनीति प्रदेश के विपक्षी दल आरजेडी और मुस्लिम मतदाताओं को नियंत्रित करने के लिए हो सकती है। हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि आरिफ मोहम्मद खान के नेतृत्व में भाजपा को चुनावी लाभ मिलेगा या नहीं।