पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट के उप चुनाव का आज मतदान होगा। यहां से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार एवं बिहारी बाबू शत्रुध्नन सिन्हा पर सबकी निगाहें टिकी हैं। भाजपा से कांग्रेस और फिर टीएमसी में शामिल हुए शत्रुध्न के लिए यह चुनाव काफी खास है। वहीं, ममता बनर्जी के लिए यह सीट बेहद खास है। अब तक टीएमसी इस सीट पर कभी नहीं जीती है।
बीजेपी सांसद के इस्तीफे के बाद खाली हुई है सीट
बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई है। क्षेत्र में गैर बंगाली प्रभाव को देखते हुए ममता ने शत्रुध्न सिन्हा को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, शत्रुध्न के प्रत्याशी बनाए जाने पर बाहरी व्यक्ति को लाने का आरोप लगा, जिस पर शत्रुध्न ने कहा था कि अब बिहारी बाबू के साथ बंगाली बाबू भी हैं।
आसनसोल सीट का इतिहास
यह सीट 1957 से 1967 तक कांग्रेस की थी। 1967 से 1971 तक संयुक्ता सोशलिस्ट पार्टी के हाथों में रही। 1971 से 1980 तक सीपीआई एम का कब्जा रहा। फिर 1989 तक कांग्रेस का कब्जा रहा। 1989 से 2014 तक यह सीट वापस सीपीआई एम के पास चली गई। 2014 में भाजपा ने पहली बार इस सीट पर जीत दर्ज की। फिर 2019 में भी भाजपा ने सीट जीती।