बिहार में सरकार की अस्थिरता बढ़ते ही राजनेताओं की जुबां पर मुहावरे सरेआम हो गए हैं। किसी का मुहावरा फिल्मी डायलॉग है तो किसी का कुछ और…। कोई घर की दीवारों को शीशा बता रहा है तो कोई चेता रहा है कि चाहे कोई कितना भी बलवान हो, उसका भी एक वक्त ही होता है। दरअसल, शिक्षामंत्री चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव जितनी मुखरता से नहीं लड़े, उससे कहीं अधिक जदयू कोटे से बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी और राजद के एमएलसी डॉ. सुनील कुमार सिंह लड़े। दोनों ने लड़ाई एक-दूसरे के नेताओं को भी टारगेट किया। अब मंत्री अशोक चौधरी ने कह दिया है कि बूढ़े शेरों की एक्सपायरी डेट आ गई है।
सोशल मीडिया के पोस्ट से कयासबाजी
दरअसल, चंद्रशेखर और केके पाठक मामले में राजद एमएलसी सुनील सिंह ने अशोक चौधरी को खूब सुनाया है। इशारों में नहीं बल्कि साफ तौर पर सुनील सिंह ने यह भविष्यवाणी कर दी है कि अपने नेता नीतीश कुमार के कमजोर होते ही अशोक चौधरी 2025 के पहले जदयू छोड़ देंगे। यह पहला मौका था, जब अशोक चौधरी के दल छोड़ने की बात किसी बड़े नेता ने सार्वजनिक तौर पर की। हालांकि अशोक चौधरी को नीतीाश् कुमार का करीबी बताया जाता है। उनके कहने पर ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए वे जदयू में शामिल हो गए थे। इस बीच जदयू नेताओं ने राजद पर हमले जारी रखे हैं। अशोक चौधरी के एक सोशल मीडिया पोस्ट को इसी की कड़ी बताया जा रहा है।
अशोक चौधरी ने लिखा है कि “जब तक आप हैं विनम्र रहें, जिससे मिलें उसको मुस्कान याद रहे और जिनसे मिलना हो उन्हें आपका इंतजार रहे।” इस कोट के साथ अशोक चौधरी ने एक बूढ़े होते शेर की तस्वीर भी शेयर कर दी है। अशोक चौधरी के इस पोस्ट के कई मायने निकाले जा रहे हैं। एक मतलब यह निकाला जा रहा है कि लालू यादव अब बूढ़े हो चुके हैं। उनकी पार्टी के नेता थोड़ा धैर्य रखें। जबकि एक मतलब यह भी निकाला जा रहा है कि अशोक चौधरी का इशारा नीतीश कुमार की ओर है। लेकिन दोनों में से पुष्टि किसी बात की नहीं है। क्योंकि अशोक चौधरी ने अपने पोस्ट में किसी का नाम नहीं दिया है।