बिहार में कैबिनेट विस्तार तो अर्से से पेंडिंग है, जिस पर कोई निर्णय नहीं हो रहा है। लेकिन बिहार सरकार में इस कोठी के धान उस कोठी में भरने की कहावत बखूबी चरितार्थ हो रही है। बिहार सरकार ने एक बार फिर जिलों के प्रभारी मंत्रियों में बदलाव किया है। इस बदलाव में भले ही दो ही मंत्रियों के जिलों में तब्दीली आई है लेकिन महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अगस्त 2022 से अगस्त 2023 के बीच नीतीश सरकार ने प्रभारी मंत्रियों की सूची चार बार संशोधित की है। वैसे तीन बार के संशोधनों में अशोक चौधरी के जमुई जिले के प्रभार को नहीं बदला गया था, लेकिन इससे पहले के नोटिफिकेशन जारी हुए अभी महीना भी नहीं बीता कि अशोक चौधरी जमुई से हटा दिए गए हैं।
लगातार बदल रहे अशोक चौधरी के जिले
मंत्री अशोक चौधरी और नीतीश कुमार की करीबी किसी से छुपी नहीं रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए अशोक चौधरी को नीतीश कुमार ने जदयू में शामिल करा लिया था। इसके बाद जदयू का कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया। पहले शिक्षा विभाग और बाद में भवन निर्माण विभाग का जिम्मा अशोक चौधरी को दिया गया है। लेकिन जिलों के प्रभारी मंत्री के तौर पर अशोक चौधरी को कहीं टिकने का मौका नहीं दिया जा रहा है। अब तक तीन बार उनके जिलों में बदलाव किया गया है। सबसे पहले उन्हें रोहतास और जमुई का प्रभारी मंत्री बनाया गया था। इसके बाद 1 अगस्त 2023 को उनके प्रभार से रोहतास हटाकर सीतामढ़ी जोड़ दिया गया। अब 28 अगस्त 2023 को जारी ताजा सूची के मुताबिक अशोक चौधरी को अब जमुई के प्रभारी मंत्री से हटाकर सीतामढ़ी के साथ समस्तीपुर जिले का प्रभारी मंत्री बनाया गया है।
श्रवण को मिला लगातार लड़ने का ईनाम?
दरअसल, जमुई जिला बेहद खास है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां से सांसद हैं चिराग पासवान, जिनकी राजनीति का एकतरफा निशाना नीतीश कुमार रहते हैं। हाल के दिनों में बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने एनडीए पर लगातार हमले किए हैं। साथ ही यूपी के फूलपुर से लड़ने की अफवाहों पर नीतीश कुमार की पॉलिटिकल इमेज को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के प्रयास भी श्रवण कुमार ने किए हैं। अशोक चौधरी से हटाकर जमुई जिले का प्रभार ऐसे वक्त में श्रवण कुमार को दिया गया है, जब लोकसभा चुनाव महज 6 माह दूर है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि नीतीश के भरोसेमंद मंत्री की जमुई में एंट्री लोकसभा चुनाव में जदयू या महागठबंधन के उम्मीदवार के लिए ठीक हो सकती है।
चार बार बदली है प्रभारी मंत्रियों की सूची
बिहार में नीतीश-तेजस्वी की महागठबंधन सरकार बनने के बाद पहली बार 18 अगस्त 2022 को मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंपा गया। लेकिन ठीक दो माह बाद राजद के दो मंत्रियों सुधाकर सिंह और कार्तिक कुमार के कैबिनेट से हटने पर दरभंगा और शिवहर के प्रभारी मंत्रियों को 19 अक्टूबर 2022 को बदल दिया गया। दरभंगा का जिम्मा जितेंद्र कुमार राय को और शिवहर का जिम्मा मो. जमा खान को दिया गया। बिहार सरकार को प्रभारी मंत्रियों की सूची में अगला बदलाव तब करना पड़ा जब संतोष कुमार सुमन के कैबिनेट से इस्तीफा देने पर रत्नेश सादा को मंत्री बनाया गया। रत्नेश सादा को जहानाबाद जिले का प्रभारी मंत्री बनाया गया। इसके बाद 1 अगस्त 2023 को एक बार फिर प्रभारी मंत्रियों की सूची बदली। उस बदलाव में बिहार के छह मंत्रियों को 8 जिलों में नया प्रभारी बनाया गया।