जातीय जनगणना को लेकर बिहार में सर्वदलीय बैठक की तिथि घोषित कर दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक के लिए 27 मई की तिथि तय की है। जिसके लिए सभी दलों के नेताओं को फोन पर बैठक की जानकारी दी जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि सभी राजनीतिक पार्टी के लोगों से बात कर के समय निर्धारित किया जाएगा।
भाजपा के लोग नही चाहते
वहीं इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि 27 मई को जातिगत जनगणना पर सर्वदलीय बैठक होगी। उन्होंने आगे कहा कि इसी दिन तय किया जाएगा कि जातीय जनगणना होगी। जो कि भाजपा के लोग नही चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इसमें भाजपा किसी को डराने के लिए ऐसा किया है या किसी को प्रमोट करने के लिए किया है बस ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है।
मांझी का दर्द छलक रहा
वहीं मांझी के बयान पर राजद के प्रवक्ता मृत्यंजय तिवारी ने प्रतिक्रया देते हुए कहा है कि मांझी का दर्द छलक रहा है। मांझी इसी कारण एनडीए में रह कर विभिन्न तरह के बयान दे रहे हैं। वहीं उन्होंने मांझी पर तंज कसते हुए कहा कि एनडीए में मांझी के पार्टी को कोई भाव नही दिया जा रहा है। उन्होंने राज्यसभा सीट मांगी तो नही मिला। उसके पहले विधान परिषद के लिए सीट मांगी तो उन्हें वह भी नही मिला। साथ ही उन्होंने जातीय जनगणना को लेकर सीएम सीएम नीतीश को धन्यवाद दिया। साथ में यह भी कहा कि बिहार में जातीय जनगणना का श्रेय तेजस्वी यादव को जाता है। शुरू से ही राजद जनगणना की मांग कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि जो भी जातीय जनगणना का विरोध करेगा उस पार्टी को माइनस कर के बिहार में जातीय जनगणना कराया जाएगा।
यह भी पढ़ें : जातीय जनगणना में देरी की वजह भाजपा, उप मुख्यमंत्री ने साधी चुप्पी