बिहार में बाढ़ पर सियासत तेज हो गई है। अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार को 2008 के बिहार बाढ़ की याद दिला दी है। साथ तत्कालीन यूपीए सरकार और लालू प्रसाद यादव की तारीफ भी की है। इतनी नहीं तेजस्वी ने यहां तक पूछा दिया कि नीतीश जी आप पीएम मोदी से मिलने से हिचकते क्यों हैं? बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए पीएम से बात क्यों नहीं करते हैं। तेजस्वी यादव ने बुधवार सुबह सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि मुख्यमंत्री जी, क्या आपको 2008 याद है? प्रधानमंत्री जी, क्या आपको ज्ञात है कि बिहार भारत में है?
तेजस्वी यादव ने आगे लिखा कि 2008 में बिहार में आई बाढ़ को याद कीजिए। तब केंद्र में UPA की सरकार थी। कांग्रेस के बाद केंद्र में दूसरी सबसे बड़ी और शक्तिशाली पार्टी राजद और उनके नेता केंद्रीय रेल मंत्री आदरणीय लालू प्रसाद जी के आग्रह पर प्रधानमंत्री सरदार मनमोहन सिंह जी और यूपीए चेयरपर्सन आदरणीय श्रीमती सोनिया गांधी जी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के सर्वेक्षण पर बिहार आए थे।
लालू जी ने सकारात्मक राजनीति का अकल्पनीय व अविस्मरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए प्रधानमंत्री जी को बाढ़ की भयावह स्थिति से अवगत करा इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कराया तथा उस दौर में यानि आज से 15 साल पूर्व केंद्र से तत्काल 1000 करोड़ की विशेष सहायता राशि बिहार को दिलाई। हाँ जी केवल बाढ़ के लिए 1000 करोड़। NDA की नीतीश सरकार ने केंद्र की UPA सरकार से एक लाख टन अनाज की मांग की थी लेकिन केंद्र की UPA सरकार ने प्रभावित लोगों की मदद एवं राहत के लिए एक लाख 25 हज़ार टन अनाज बिहार को दिया। जितना नीतीश सरकार ने माँगा उससे अधिक बिहार को दिया।
नीतीश सरकार ने उसी अनाज को बचाकर रखा और 2010 के चुनावों से पूर्व गरीब जनता में UPA सरकार का दिया हुआ अनाज यह कर बाँटा की नीतीश सरकार यह अनाज दे रही है तथा चुनावों में इसका फ़ायदा उठाया। केंद्र और बिहार की NDA सरकारें उत्तर बिहार के लोगों की जान और माल की क़ीमत बस चंद किलों अनाज से आंकती है। बारम्बार तटबंध और बांध क्यों टूटते है इसका कारण भी सरकार को बताना होगा?
उस वक़्त तत्कालीन रेल मंत्री लालू जी ने बाढ़ पीड़ितों के लिए मुफ्त रेल चलायी तथा साथ ही 90 करोड़ की सहायता राशि भी रेल मंत्रालय से दिलाई। उन्होंने एक लाख साड़ी-धोती बँटवाई। कोसी क्षेत्र में रेलवे प्लेटफ़ार्म पर रेल के डिब्बों में बाढ़ राहत शिविर लगवाए। लालू जी ने अपने एक महीने की सैलरी, KBC में जीते हुए 1 करोड़ रुपए, रेल मंत्रालय के सभी कर्मचारियों का एक दिन की सैलरी, IRCTC रेलवे ईस्ट जोन, वेस्ट जोन इत्यादि से भी सहायता राशि बिहार को दी।
केंद्र से बिहार को मिली बड़ी मदद… बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए 656 करोड़ रूपये दिए
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पीने के पानी की कमी को देखते हुए लालू जी 20 हज़ार लीटर की क्षमता वाले 25 रेलवे टैंकर वहाँ भेजने के साथ साथ रेलवे की ओर से रेलनीर के पानी की एक लाख बोतलें तुरंत बिहार भेजी थी । उस दौर में लालू जी के प्रयासों से सब सहायता UPA सरकार ने की थी लेकिन उसका प्रचार-प्रसार नीतीश कुमार ने अपने नाम से किया। 2004 से 2009 तक लालू जी में बिहार को 1 लाख 44 हज़ार करोड़ की वित्तीय पैकेज दिलाया था लेकिन उससे चेहरा मा॰ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकाया।
उस वक़्त UPA के बिहार से 29 सांसद थे जबकि अब NDA के 30 सांसद है। NDA के 30 सांसद, बिहार के मुख्यमंत्री और केंद्र में बिहार से NDA के 7 केंद्रीय मंत्री कितने बेबस, लाचार और असहाय है कि इनके सहारे चल रही केंद्र सरकार से बिहार की विनाशकारी बाढ़ को ना आपदा घोषित करा सकते है और ना ही विशेष सहायता राशि की माँग सकते है।
आज बीजेपी के किसी भी केंद्रीय मंत्री और प्रधानमंत्री को बिहार नज़र नहीं आ रहा है? बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार बिहार की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित कराने एवं सहायता राशि की माँग को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से क्यों नहीं मिलते जबकी बिहार के लाखों लोग एवं आधे से अधिक जिले बाढ़ से प्रभावित है? श्री नीतीश कुमार जी प्रधानमंत्री से मिलने में हिचकते क्यों है? आपके अवलोकनार्थ आदरणीय लालू प्रसाद जी द्वारा किए गए प्रयास से संबंधित उस दौर की खबरें।