नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) आज चम्पारण जिला के बेतिया मुख्यालय में थें। जहां उन्होंने एमएलसी प्रत्याशी सौरभ कुमार के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित किया। बिना कांग्रेस का नाम लिए कांग्रेस को कोसते हुए कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि वह हीं बिहार में साम्प्रदायिक ताकतों को खत्म कर सकते हैं। बिहार में राजद ही एक ऐसी पार्टी है जो साम्प्रदायिक ताकतों को रोक सकती है। तेजस्वी ने कहा कि केंद्र में हमारी पार्टी ने कांग्रेस को सपोर्ट किये लेकिन इस एमएलसी चुनाव में वे खुद अलग लड़ रहे हैं और वोट काट रहे हैं।
बिहार में चल रही सर्कस
वहीं अपने यात्रा के दौरान मुजफ्फरपुर में अपने चुनावी सभा को सभा संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में सरकार नहीं चल रही है सर्कस चल रहा है। एक मंत्री कुछ बोल रहे हैं तो दूसरे मंत्री कुछ बोल रहे हैं। जीतनराम मांझी का कुछ अलग ही बयान है तो मुकेश साहनी अलग ही गीत गा रहे हैं। सब लोग मिल कर कहते हैं आरजेडी केवल फलाना की पार्टी है तो हम उन लोगों को एक आंकड़ा देना चाहते हैं हमारे गठबंधन को पिछले चुनाव के विधानसभा में कुल एक करोड़ 56 लाख वोट मिला।
गरीबी बेरोजगारी आज हर जाती में
वहीं NDA को एक करोड़ 56 लाख 12 हजार वोट मिला वह भी चोर दरवाजे से तो बस केवल 12000 का ही अंतर है। पार्टी को 20 से 25 प्रतिशत वोट मिलता था वहीं अब साढ़े 44% मिलने लगा है। इससे यह साबित होता है की हर जाति, धर्म, हर वर्ग के लोगों ने पढ़ाई लिखाई दवाई और कमाई के लिए राष्ट्रीय जनता दल पर भरोसा जताया है और राष्ट्रीय जनता दल को वोट किया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि गरीबी और बेरोजगारी आज हर जाती में है चाहे उच्च जाति का ही क्यों न हो। बेरोजगारी भुखमरी की समस्या हर जाति धर्म और वर्ग के लोगों में है। बेरोजगारी कोई जात देख कर नहीं आता है आज तो जो सबसे ज्यादा पढ़ा लिखा है वही सबसे ज्यादा बेरोजगार है।
बड़ी संख्या में लोग विदेश जाते हैं
अब हमारे मुख्यमंत्री कहते हैं मुझे तो पता ही नहीं इतनी बड़ी संख्या में लोग विदेश जाते हैं। मुख्यमंत्री को अपने राज्य की स्थिति नहीं पता, यहां की दशा के बारे में नहीं जानते हैं। तेजस्वी ने नीतीश से सवाल करते हुए कहा कि आपको यह जानकारी है कि यहां के बच्चे दिल्ली ,पूना और अन्य जगहों पर भी पढ़ने जाते हैं? मुख्यमंत्री जानते हैं कि नहीं कि हमारे यहां के छात्र कोटा भी पढ़ने जाते हैं। सीएम को पता होना चाहिए कि आज भी पढ़ाई, दवाई और कमाई के लिए लोग बाहर जाते हैं।