कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बुधवार को मतदान पूरा हो चुका है। इस चुनाव का परिणाम तो 13 मई को आएगा। लेकिन एक प्वाइंट ऐसा है, जहां भाजपा ने चुनाव से पहले बढ़त बना ली है। कर्नाटक में भाजपा की ही सरकार है। भाजपा की कोशिश है कि इस साल नॉर्थ ईस्ट के चार राज्यों में चुनाव में बेहतर प्रदर्शन को कर्नाटक में भी दुहराया जाए। जबकि अब विपक्षी दलों की कोशिश है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा को हर चुनाव में रोका जाए। लेकिन भाजपा को लोकसभा में रोकने की कोशिश में लगे विपक्षी दल भाजपा की तरह जीतना तो दूर, लड़ भी नहीं पा रहे हैं। इसका नमूना कर्नाटक विधानसभा चुनाव में दिखा।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव : बीते 3 चुनाव में 2 बार त्रिशंकु परिणाम, 5 साल में बदले कई मुख्यमंत्री
सिर्फ भाजपा ही सभी सीटों पर चुनाव लड़ी
भाजपा ने कर्नाटक में चुनाव जीतने की हर वो कोशिश की है जो एक राजनीतिक दल कर सकता है। स्टार प्रचारकों की धूम कर्नाटक में कई हफ्तों से जमी हुई है। तो पीएम मोदी का प्रचार भी खासी चर्चा में रहा है। वैसे भाजपा ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बहुमत लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। भाजपा ने सभी 224 सीटों पर अपने उम्मीदवार भी उतारे हैं। यही नहीं कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी रही है, जिसने सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी दिए हैं। कांग्रेस, जेडीएस समेत कोई ऐसा दूसरा दल नहीं है, जो सभी 224 सीटों के लिए उम्मीदवार ढूंढ़ सकें।
चार पार्टियों ने 200 से अधिक सीटों पर उतारे हैं उम्मीदवार
इस बार कर्नाटक विधानसभा चुनाव में लड़ाई तो भाजपा और कांग्रेस के बीच दिख रही है। लेकिन जेडीएस भी खुद को कमजोर नहीं बता रहा। वहीं राष्ट्रीय पार्टी बन चुकी आम आदमी पार्टी ने कर्नाटक में भी उम्मीदवार उतारे हैं। कर्नाटक चुनाव में चार पार्टियों ने 200 से अधिक सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। इसमें 224 सीटों में से सबसे अधिक 224 सीटों पर भाजपा ने उम्मीदवार दिए हैं। जबकि कर्नाटक की मेलुकोटे सीट को छोड़कर 223 सीटों पर कांग्रेस ने उम्मीदवार दिए हैं। जेडीएस 207 सीटों पर उम्मीदवार उतार सकी है। जबकि आम आदमी पार्टी ने 209 सीटों पर अपने उम्मीदवार दिए हं। बसपा ने 133 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।