लोकतंत्र में चुनाव का महत्व अधिक इसलिए होता है क्योंकि एक चुनाव किसी को अर्श से फर्श से ला सकता है। तो वही चुनाव किसी को जमीन से आसमान पर बिठा सकता है। जनता पांच साल के लिए जिस उम्मीदवार और दल पर पर भरोसा जताती है, नाराज होने पर अगले चुनाव में पटखनी भी दे देती है। झारखंड के साहेबगंज जिले में बोरियो विधानसभा सीट का हाल ऐसा है कि जनता ने पिछले पांच चुनावों में यहां किसी दल को लगातार दो बार मौका नहीं दिया। पिछले पांच चुनावों में तीन बार झारखंड मुक्ति मोर्चा के लोबिन हेम्ब्रम ने जीत हासिल की है जबकि दो बार भाजपा के ताला मरांडी को जीत मिली है। लेकिन दोनों में से कोई भी नेता या दल लगातार दो चुनाव नहीं जीता है। अब झारखंड विधानसभा चुनाव में कम ही दिन हैं तो बोरियो विधानसभा में चर्चा यह है कि यहां की जनता जो हर बार अपना मूड बदलने के लिए जानी जाती है, क्या इस बार अपना मूड बदलने वाला रिवाज जारी रखेगी या कुछ नया आगाज होगा।
2019 में लोबिन ने बोरियो विधानसभा में दर्ज की सबसे बड़ी जीत
बोरियो विधानसभा वैसे तो कम मार्जिन से जीत-हार के लिए जाना जाता है। 2014 के विधानसभा चुनाव में तो ताला मरांडी सिर्फ 712 वोट से जीते थे। पिछले पांच विधानसभा चुनावों में से चार चुनावों में कभी भी यहां जीत का मार्जिन 10 हजार वोटों से अधिक नहीं रहा। लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में बोरियो विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के लोबिन हेम्ब्रम ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की। लोबिन हेम्ब्रम ने 2019 का विधानसभा चुनाव 17,924 वोटों से जीता।
ताला मरांडी की हवा खराब?
बोरियो विधानसभा का चुनाव लड़ते, जीतते, हारते ताला मरांडी पर भाजपा नेतृत्व कुछ ऐसा मेहरबान हुआ कि 2024 में उन्हें राजमहल लोकसभा सीट से प्रत्याशी बना दिया गया। लेकिन झामुमो के विजय कुमार हंसदक के सामने ताला मरांडी कहीं नहीं टिके। राजमहल लोकसभा चुनाव में ताला मरांडी उस बोरियो विधानसभा में भी पिछड़े जहां से वे दो बार विधायक रह चुके हैं। बोरियो विधानसभा में ताला मरांडी को 74,876 वोट मिले। जबकि इसमें झामुमो के विजय कुमार हंसदक को 77,537 वोट मिले। यानि अपनी विधानसभा में भी ताला मरांडी 2000 से अधिक वोटों से पिछड़े।
ऐसे में 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा क्या फिर ताला मरांडी पर भी भरोसा जताएगी, यह तो आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन फिलहाल स्थिति यह है कि रिवाज बरकरार रहता है तो झामुमो के लिए मुश्किल रहेगी। और जनता रिवाज कायम रखती है तो भाजपा की जान फंसेगी।