केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 1 फरवरी, मंगलवार को संसद में 2022 का बजट (Budget) पेश किया। जिसमें भाजपा नेताओं के लिए फायर है यह बजट। जहां इस बजट कि भाजपा नेताओं ने जमकर सराहना की। वहीं जदयू, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, राजद समेत अन्य पार्टियों ने इस बजट को बिहार के लिए अर्थहीन बताया। साथ ही बजट पर बयानबाज़ी भी करते दिखें।
उपेंद्र कुशवाहा ने किया ट्वीट
जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर केन्द्रीय बजट को बिहार के लिए निराशा का पात्र बताया। उन्होंने कहा की केन्द्रीय बजट विकसित राज्यों के लिए ऐतिहासिक है लेकिन बिहार के लिए निराशाजनक है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार को विशेषराज्य का दर्जा देने की मांग को अनसुना कर हमसभी बिहारवासियों को निराश किया है।
दानिश रिजवान ने कहा हो रही बिहार की हकमारी
HAM प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान ने दिया केन्द्रीय बजट पर बयान देते हुए कहा कि यह बजट बिहार को निराश करने वाला बजट है ,नीति आयोग के रिपोर्ट के अनुसार यह स्पष्ट है कि बिहार हर मामले पर पिछले पैदान पर है तो ऐसे में हमें उमीद थी कि वित्त मंत्रालय के ओर से बिहार को स्पेशल पैकेज और स्पेशल स्टेटस का दर्जा मिलेगा. हालांकि आज के बजट ने साबित कर दिया कि कहीं न कहीं से आज भी बिहार कि हकमारी हो रही है. जो बिहार और यहां के युवाओं के लिए कही से ठीक नहीं है.
राजद प्रवक्ता का बजट पर बयान
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा की आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया जो कि बेहद निराशाजनक हैं। इस बजट से नवजवानों, किसानों और मजदूरों का कोई भला नहीं होना हैं। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह की जुमलेबाज़ी सरकार हर वर्ष करते आई है, उसी प्रकार इस बार के बजट में भी वहीं देखा जा रहा हैं। रोजगार देने की, माकन बनाने की बात जो सरकार कह रही है वह केवल जुमलेबाज़ी हैं। साथ ही तिवारी ने जदयू पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा की विशेष राज्य के दर्जे कि मांग जो जदयू कर रही थी, उसे भी नकार दिया गया। यह साफ़ तौर से बिहार के साथ धोखा है। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा और जदयू से सवाल किया कि बिहार को क्यों नहीं विशेष राज्य का दर्जा मिला और ना ही कोई विशेष पैकेज। उन्होंने नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जदयू और भाजपा ने मिल कर बिहार कि जनता को ठगा है। कोरोना महामारी के कारण बिहार कि जनता, युवा और किसान काफी परेशान हैं लेकिन इस बजट में इनकी समस्याओं के निदान के लिए कोई उपाए नहीं किए गए है।