संजय जायसवाल ने बीते बुधवार को बैठक में जातिगत जनगणना से जुड़े मामलों को फेसबुक पोस्ट के जरिए बताते हुए उन्होंने लिखा है कि मैंने जातीय जनगणना के मामलें में अपनी बातों को रखते हुए मुख्यमंत्री के सामने तीन आशंकाएं प्रकट की, जिनका निदान गणना करने वाले कर्मचारियों को स्पष्ट रूप से बताना होगा।
जातीय जनगणना आड़ में पिछड़े या अति पिछड़े ना बन जाए
संजय जायसवाल ने लिखा कि पहला, जातीय एवं उप-जातीय गणना के कारण कोई रोहिंग्या और बांग्लादेशी का नाम नहीं जुड़ जाए ताकि बाद में वो इसी के आधार पर नागरिकता को आधार नहीं बनाए। वहीं दूसरा, सीमांचल में मुस्लिम समाज में यह देखा जा रहा है कि शेख समाज के लोग शेखोरा अथवा कुलहरिया बन कर पिछड़ों की हकमारी करने में लगे है। यह भी गणना करने वालें अधिकारीयों को देखना को कि मुस्लिम में जो अगड़े हैं वह इस गणना के आड़ में पिछड़े या अति पिछड़े ना बन जाए।
संजय जायसवाल फालतू का सवाल उठाते हैं
वहीं संजय जायसवाल के पूछे गए तीन आशंकाओं का जवाब देते हुए आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव का बयान आया है। राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि जाति आधारित जनगणना बिहार में होगी यह तो निर्णय में हो गया है। हालांकि जनगणना की अभी शुरुआत नहीं हुई है लेकिन भाजपा आशंका जता रही है बाहरी लोगों की गिनती कहीं ना हो जाए। अपने सरकार के प्रति आशंका क्यों जाहिर कर रहे हैं। जो बिहार का है जिसके पास प्रमाण पत्र है उसका तो गिनती हो ही जाएगा संजय जायसवाल बे फालतू का सवाल उठाते हैं, जिसका कोई लेना-देना नहीं है।
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