राष्ट्रीय वैश्य महसभा की ओर से ”बिहार के विकास में वैश्य समाज की भूमिका” विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। मौका था महसभा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. पीके चौधरी द्वारा लिखित पुस्तक “वैश्यों का प्राचीन इतिहास” के लोकार्पण का। इस समारोह का उद्धघाटन बिहार विधान परिषद के उप सभापति डॉ. रामचंद्र पूर्वे ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार द्वारा कराई गई जातिगत सर्वे और उसके परिणाम आने के बाद वैश्य समुदाय सहित सभी वंचित समाज को समाज के मुख्य धारा से जोड़ने एवं जुड़ने में सफलता मिलेगी।
वंचित वर्ग को एकजुट होने की जरूरत
अध्यक्षीय भाषण करते हुए राष्ट्रीय वैश्य महसभा के प्रदेश अध्यक्ष और बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि वैश्य समाज, अतिपिछड़ें वर्ग एवं समस्त वंचित वर्ग को अब और एकजुट होने की जरूरत है। यही एकजुटता उनके सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं राजनैतिक विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्त ने कहा कि देश की गद्दी पर विराजमान नरेंद्र मोदी जी जो खुद वैश्य हैं, उन्होंने खुद को तेली समाज का बताया है। परंतु उन्होंने न तो पिछड़े समाज के लिए कोई उल्लेखनीय कार्य किया है और नहीं बिहार के लिए कुछ किया है। बिहार एवं देश के वैश्य एवं अतिपिछड़ें वर्ग के साथ न्याय नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि वैश्य समुदाय के वे सभी लोग जो समाज के अलग अलग क्षेत्र में काम कर रहे हैं उनके साथ संवाद कर समाज के विकास के लिए विमर्श करने की आवश्यकता है।
शिक्षा की ज्योति अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का लक्ष्य
”वैश्यों के प्राचीन इतिहास” पुस्तक के लेखक और महासभा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. पीके चौधरी ने कहा कि यह पुस्तक वैश्य समाज के हर व्यक्ति को समाज के इतिहास से रूबरू कराएगा। आज हम सबका संकल्प यही है कि समाज के भीतर शिक्षा की ज्योति अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। स्वागत भाषण करते हुए राष्ट्रीय वैश्य महासभा के प्रदेश युवा अध्यक्ष मंजीत आनन्द साहू ने कहा कि वैश्य समाज के छोटे एवं मध्य वर्ग के व्यवसायी एवं अतिपिछड़ें वर्ग के लोग व्यापारी के रूप में एवं उपभोक्ता के रूप में सरकारी राजस्व के सबसे बड़े स्रोत हैं। आज जब जातिगत सर्वे के बाद आंकड़े हम सबके सामने है कि इस आंकड़ों ने साबित किया है कि वैश्य समाज एवं अतिपिछड़ें वर्ग को सही मायने में इंसाफ नहीं हो सका है।
बिहार में जातीय सर्वे का खास महत्व
भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि बिहार सबसे पिछड़े गरीब राज्यों में एक है, इसलिए यहां जातीय सर्वे का महत्व खास है। जाति के आधार पर जब भेदभाव हुआ है तो जाति के आधार पर ही प्रतिनिधित्व देकर ही समाज का सम्यक विकास किया जा सकता है। पूर्व मंत्री शिवचन्द राम में कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर ने कमजोर वर्ग को सशक्त करने वाला संविधान इस देश को दिया है। संविधान एक ऐसा ग्रन्थ है जिसे बार बार अध्ययन करने की जरूरत है, ताकि हम अपने अधिकारों और दायित्वों के प्रति जागरूक हो सकें। इस अवसर पर डॉ. प्रकाशचंद्र, पो. जयदेव मिश्र, शिक्षाविद अरुण कुमार, विजय कुमार जायसवाल, वैभव गुप्ता, जीतेन्द्र साहू, बिंदा साह आदि ने सभा को संबोधित किया।