रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध से भारत परेशान है क्योंकि अभी भी कई भारतीय नागरिक वहां फंसे हुए है। जिन्हें भारत लगातार वतन वापस लाने में लगा हुआ है। वहीं यूक्रेन में फंसे भारत सहित बिहार के छात्रों के वापसी का मामला बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में उठाया गया, जहां विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार से कहा कि यूक्रेन की घटना के बाद सरकार को इसकी संज्ञान लेने की जरूरत है। साथ ही सदन में यह मुद्दा भी उठा कि बिहार में निजी कॉलेजों कि फिस बहुत ज्यादा है। जिसके कारण मेडिकल कॉलेजों कि मोटी कमाई हो रही है और छात्रों को दूसरे देश जाना पड़ता है। जिसे देखते हुए जल्द से जल्द फिस कम करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री को हो रहा आश्चर्य
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आश्चर्य होकर कहा कि अब हमें जानकारी हो रही है कि यूक्रेन में बिहार के कितने छात्र है जो कि मेडिकल की पढ़ाई करने वहां जाते हैं। इस मामले को राष्ट्रीय लेवल पर सोचने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने बताया कि हमलोगों को पहली बार इस बात का पता चला है। मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि यह मामले को देखना होगा, हमें तो बहुत आश्चर्य हो रहा है कि यूक्रेन के बारे में बिहार कि जनता को इतनी जानकारी कैसे हो गई ? हो ना हो यह सोशल मीडिया का कमाल है। हम तो सोशल मीडिया से पहले जमाने के हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि यूक्रेन तो पहले सोवियत संघ का हिस्सा था। पहले वहां कम्युनिष्ट पार्टी के लोग जाते थे। बिहार से इतने लोग बाहर पढ़ने चले जाते हैं यह तो अब मालूम हुआ। अब इसकी जानकारी मिल गयी तो इस पर हम विचार जरुर करेंगे।