प्रदेश में नई सरकार में जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन को एक मंत्री का कार्यभार दिया जा चुका है। इसके बावजूद महज चार विधायकों के बल पर मांझी एनडीए की सरकार पर एक और मंत्री पद के लिए दबाव बना रहे हैं।
मांझी की इस मांग का समर्थन करते हुए और उनकी मांग को जायज बताते हुए एनडीए के ही एक घटक दल लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने कहा कि जीतन राम मांझी ने गठबंधन के भीतर यह मांग रखी थी या नहीं रखी थी, शपथ लेने के पहले इस विषय पर कोई स्पष्ट बात हुई थी या नहीं हुई थी, ये मुझे नहीं पता, लेकिन हम इतना जरूर मानते हैं कि भले ही उनके विधायकों की संख्या कम हो, पर आज की तारीख में जो राजनीतिक हालात हैं, उसमें उनके विधायकों की संख्या का महत्व तो है ही! चिराग ने कहा कि अगर मांझी एक और मंत्री पद की मांग कर रहे हैं तो उस मांग को जरूर सुना जाना चाहिए। उसपर चर्चा जरूर होनी चाहिए और किसी तरह का अन्याय नहीं होना चाहिए।
पत्रकारों ने चुटकी लेते हुए जब चिराग से पूछा कि मांझी का महागठबंधन में जाने को मन डोल रहा है, जिसपर चिराग ने मुस्कुराते हुए कहा,” अब मन डोल रहा है कि नहीं ये हमको नहीं पता! लेकिन ये बात अवश्य है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के बाबत उन्हें इस तरह का ऑफर मिलना कोई आश्चर्य की बात भी नहीं है।” कांग्रेस के विधायकों के हैदराबाद जाने के सवाल पर चिराग ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि जब कांग्रेस को अपने विधायकों पर भरोसा ही नहीं तो इसमें कोई क्या कर सकता है!