बिहार में चिराग पासवान अभी सुर्खियों में बने हुए हैं। चिराग पासवान अभी एनडीए में हैं और कई मौकों पर हर हाल में एनडीए में ही रहने की कसमें खाते दिखते हैं। लेकिन एनडीए के कुछ नेताओं से उनकी बन नहीं रही है। कभी नीतीश कुमार के मुखर विरोध करते हुए राजनीति में गिर कर संभले चिराग पासवान इन दिनों नीतीश ने नाखुश तो नहीं हैं, लेकिन एनडीए के कुछ नेताओं की आंखों में चिराग चुभ रहे हैं। ऐसी स्थिति में चर्चा यह चलने लगी है कि कहीं एनडीए के इन नेताओं का विरोध करते करते चिराग पासवान तेजस्वी यादव के करीब तो नहीं जा रहे हैं। हालांकि नीतीश कैबिनेट के मंत्री इसकी सफाई देते नहीं थक रहे हैं।
दरअसल, तेजस्वी यादव को ताजा धोखा आनंद मोहन के परिवार से मिला है। आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने नीतीश कुमार की सरकार बचाने में भूमिका निभाई जबकि चेतन, राजद से ही विधायक बने हैं। इससे पहले राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा द्वारा सदन में ठाकुर का कुआं कविता के पाठ पर जिसतरह आनंद मोहन ने मनोज झा के साथ पूरे राजद पर हमले किए, तेजस्वी यादव उसे अभी भी याद रखे हुए हैं। दूसरी ओर आनंद मोहन एंड फैमिली की ताजा भिड़ंत चिराग पासवान से हो रही है। चिराग पासवान के खिलाफ आनंद मोहन और चेतन आनंद ने कई बयान दिए हैं। चिराग पासवान ने भी किसी को बख्शा नहीं है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि तेजस्वी और चिराग का ‘दुश्मन’ जब एक है तो इन दोनों की दोस्ती क्यों नहीं हो रही? क्योंकि कहावत यह भी है कि दुश्मन का दुश्मन, दोस्त होता है।
चिराग पासवान की परेशानी जीतन राम मांझी को लेकर भी है, जिनकी बहू के चुनाव प्रचार से चिराग दूर रहे। चिराग और मांझी दोनों ही मोदी कैबिनेट के मंत्री हैं, दोनों ही बिहार के नेता हैं, दोनों ही एनडीए के दलित नेता हैं लेकिन राजनीतिक तौर पर दोनों के बीच एक अलगाव पिछले विधानसभा चुनाव में दिखी। ऐसे में बड़े दलित नेताओं की कमी से जूझ रहे तेजस्वी यादव अगर चिराग पासवान को अपने साथ मिला लेते हैं तो एनडीए को दलित पॉलिटिक्स में जवाब देने में तेजस्वी को सहूलियत हो सकती है। लेकिन नीतीश कैबिनेट के मंत्री अशोक चौधरी ऐसी किसी संभावना से इनकार कर रहे हैं। आपको बता दें कि जदयू नेता अशोक चौधरी की बेटी चिराग पासवान की पार्टी के टिकट पर सांसद चुनी गई हैं।
आनंद मोहन और चिराग पासवान के टकराव को अशोक चौधरी मीडिया का किया धरा बता रहे हैं। नीतीश कैबिनेट के ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने मीडिया पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पूर्व सांसद आनंद मोहन और चिराग पासवान के बीच कोई विवाद नहीं है, बल्कि मीडिया इस मुद्दे को केवल अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए तूल दे रही है। मीडिया से बात करते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि “हम समझते हैं कि दोनों लोग अब इस मामले को सुलझा चुके हैं। लेकिन आप लोग 24 घंटे खबरों की तलाश में रहते हैं, आपको टीआरपी चाहिए। आप मिर्च-मसाला लगाकर मामले को बड़ा बना देते हैं। दोनों के बीच कोई विवाद नहीं है।”
वैसे आनंद मोहन और चिराग पासवान के बीच टकराव तब शुरू हुआ जब हाल ही में हुए उपचुनावों के परिणामों के बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन ने चिराग पासवान पर आरोप लगाया था कि उन्होंने चिराग के चुनाव प्रचार में भाग नहीं लिया। आनंद मोहन ने यह भी सवाल उठाया था कि “क्या चिराग एनडीए में हैं भी या नहीं?” इसके बाद चिराग पासवान ने जवाब दिया था कि “वह आनंद मोहन को याद दिलाते हैं कि वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कृपा से ही जेल से बाहर आए हैं।”