जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष से ललन सिंह के इस्तीफा और नीतीश कुमार को अध्यक्ष पद देने पर बिहार की सियासत तेज हो गई है। एक तरफ जहां ललन सिंह के इस्तीफे से जदयू कार्यकर्ता काफी उत्साहित है मिठाईयां बांटी जा रही है वहीं तमाम विपक्षी दल नीतीश पर हमलावर है। ललन सिंह के इस्तीफे पर लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने तंज कसते हुए कहा है कि जो कभी दूसरे के घर को तोड़ने और अध्यक्ष पद से हटाने के लिए साजिश किए आज वो स्वयं साजिश के शिकार हो गए। ललन बाबू कहावत है ना की कर्म लौट कर आता है, आज कुछ वैसा ही आपके साथ भी हो रहा है। मैं आपकी व्यथा को समझ सकता हूं। आप भी आज नीतीश कुमार जी के महत्वकांक्षा का शिकार हो गए।
चिराग ने आगे लिखा, ‘इससे पहले भी जदयू के कई राष्ट्रीय अध्यक्षों को नीतीश जी ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है। उनको अपने नेताओं के बढ़ते कद से ही सबसे ज्यादा परेशानी होती है।जनता दल यूनाइटेड में गुटबाजी अब इस कदर बढ़ गई है कि यह मतभेद और अंतरकलह पार्टी का अस्तित्व खत्म करके ही मानेगी। आने वाले चुनाव में जदयू का कोई नाम लेने वाला भी नहीं रह जाएगा।‘
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“तीन वर्षीय योजना के तहत ललन सिंह का हुआ पत्ता साफ“
हम पार्टी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ललन सिंह के इस्तीफे को लेकर नीतीश पर हमला बोला है। जीतन राम मांझी ने कहा कि ऐसा कोई सगा नहीं जिसे नीतीश ने ठगा नहीं। नीतीश कुमार ने तीन वर्षीय योजना के तहत ललन सिंह का भी पत्ता साफ कर दिया गया है। वैसे ललन बाबू को समझना चाहिए था कि जो नीतीश कुमार फर्नांडिस साहब के ना हुए, RCP बाबू, शरद यादव, दिग्विजय सिंह के ना हुए वह उनके कैसे होंगें?
“खेल का अंत नहीं बल्कि शुरुआत है“
वहीं, बीजेपी सांसद और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने भी ललन सिंह के इस्तीफे को लेकर जदयू पर तंज कसा है। सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर सुशील मोदी ने लिखा है कि मैंने एक सप्ताह पूर्व ही भविष्यवाणी की थी कि ललन सिंह हटाए जा रहे हैं। लालू से नज़दीकियों के कारण ललन सिंह को हटना पड़ा है । यह खेल का अंत नहीं बल्कि शुरुआत है।अभी काफ़ी गुल खिलना बाक़ी है ? खेल की अगली कड़ी का इंतज़ार कीजिए?
“अधूरे रह गए नीतीश के ख्बाब“
वहीं बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन का कहना है कि उनको तो ख्वाब दिखाया गया था इंडी अलायंस के संयोजक और पीएम पद के उम्मीदवार बनाने का, लेकिन जदयू के अध्यक्ष बन कर रह गए। ऐसे भी जदयू एक क्षेत्रीय पार्टी है। उसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष का इस्तीफा हुआ और नीतीश कुमार फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
“ललन का इस्तीफा जदयू का आंतरिक मामला”
ललन सिंह के इस्तीफे पर राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि यह जदयू का आंतरिक मामला है इससे महागठबंधन की सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।बिहार में महागठबंधन की सरकार पूरी मजबूती के साथ अपने संकल्पों को लेकर आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जो संकल्प लिया था उसे पूरा करेगी।
“नीतीश कुमार मत घबराना तेरे पीछे सारा जमाना”
वहीं, ललन सिंह के अध्यक्ष पद से इस्तीफे पर जेडीयू कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। मिठाईयां बांटी, पटाखे फोड़े और जमकर नारेबाजी भी की। इनका कहना है कि नीतीश कुमार मत घबराना तेरे पीछे सारा जमाना। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि नीतीश कुमार के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से हम लोगों को बहुत खुशी है वह सारा सिस्टम सुधार देंगे। जितना भी बिगड़ा हुआ दाएं बाएं था वह सब सुधर जायेगा। भारत में एक ही ईमानदार नेता हैं, वह हैं नीतीश कुमार और कोई नही।