मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव बिहार के एक दिवसीय दौरे के क्रम में गुरुवार को पटना पहुंचे। पटना पहुंचने पर एमपी के मुख्यमंत्री का भाजपा कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। सीएम के पहुंचने के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने पुष्पगुच्छ देकर पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत किया। स्वागत करने वालों में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, सांसद रामकृपाल यादव, विधायक नंद किशोर यादव सहित श्रीकृष्ण चेतना विचार मंच के अधिकारी शामिल रहे।
मध्य प्रदेश के सीएम यादव एअरपोर्ट से सीधे श्री कृष्ण मेमोलियल हॉल पहुंचे। यहां श्रीकृष्ण चेतना विचार मंच की ओर से उनका अभिनंदन किया गया। मंच पर भाजपा की ओर से केवल एमपी के सीएम डॉ मोहन यादव बैठे दिखे। वहीं बिहार भाजपा के वरीय नेता दर्शक दीर्घा में बैठे थे। शालीनता की मिसाल ये रही कि मंच पर बैठे डॉ. मोहन यादव सीनियर लीडर नंद किशोर यादव और राम कृपाल यादव की आने की खबर सुनकर सम्मान में खड़े हो गए। इस कार्यक्रम के बाद मोहन यादव भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचेंगे, जहां पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। भाजपा कार्यालय के बाद एमपी के सीएम इस्कॉन मंदिर जाएंगे, जहां पूजा-अर्चना करेंगे और उसके बाद भोपाल वापस लौट जायेंगे। देखा जाये तो यादव के बिहार आने पर प्रदेश की सियासत में गर्मी आ गयी है। माना जा रहा है कि भाजपा एमपी के सीएम के जरिए यादव मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश में जुटी है। मध्य प्रदेश में जैसे ही भारतीय जनता पार्टी मोहन यादव का नाम सीएम के रूप में लायी, खलबली बिहार में मच गयी। तब राजद के नेता खुद भी आगे आकर कहने लगे कि लालू प्रसाद यादवों के इकलौते नेता हैं। इससे निष्कर्ष यही निकलता है बिहार में राजद को अपने यादव एकीकरण में मोहन यादव का सीएम बनना एक रोड़ा दिखाई पड़ रहा था और अब राजद की परेशानी ये है कि उनके राह का ये रोड़ा पटना में अपना कदम रख चुका है। पहले यादव सम्मान के लिए आने की बात थी, लेकिन अब भाजपा दफ्तर से लेकर श्रीकृष्ण की पूजा तक का कार्यक्रम है। और, सभी की जिम्मेदारी संभालने का काम स्थानीय यादव नेताओं को ही दिया गया है। मतलब, भाजपा ने लोकसभा चुनाव के हिसाब से यादवों को साधने की तैयारी के लिए ही मोहन यादव को यहां लाने का कार्यक्रम रखा है। पहले जहां कयास लगाए जा रहे थे कि मध्य प्रदेश के सीएम के रूप में मोहन यादव को लाते ही बिहार के 14% से ज्यादा यादवों को भाजपा ने लक्ष्य कर लिया था। और अब तो मोहन खुद पटना आये हैं । पहले यह दौरा सामाजिक बताया गया था, अब पूरी तरह राजनीतिक है। भाजपा अब बिहार की आबादी की सबसे बड़ी साझेदार यादवों को रिझाने में लगी है सीएम के स्वागत में पटना को पोस्टर से पाट दिया गया है।
श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में मंच पर लोगों को संबांधित करते हुए एमपी के सीएम मोहन यादव ने सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण के जयकारे लगाए। इसके बाद उन्होंने भाजपा नेता और श्रीकृष्ण चेतना मंच के नेताओं का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि माता सीता की धरती पर आकर मैं आप सभी को नमन करता हूं। माता सीता की पवित्र धरती को मैं प्रणाम करता हूं। वृन्दावन बिहारीलाल के जयकारे लगाने के साथ उन्होंने कहा कि एक जयकारे में दो राज्य यूपी और बिहार का नाम एक साथ आ जाता है। यह धरती सम्राट अशोक की भी धरती है। वह 10 साल तक उज्जैन में रहे। हजारों साल से मध्य प्रदेश और बिहार का रिश्ता रहा है। सीएम मोहन यादव ने कहा कि हम अगर जय गोपाल कृष्ण बोलते तो ऐसे ही नहीं बोलते। इसके पीछे प्रकृति प्रेम भी दिखता है। हम आज भी गाय पालते हैं। गाय की हमलोग पूजा करते हैं। हमलोग गाय को माता मानते हैं। भगवान कृष्ण का जन्म जेल में हुआ। हर चुनौतियों का सामना करते हुए वह किसी से डरे नहीं और लोगों को धर्म का राह दिखाया। यह समय लोकतंत्र का है। कितनी अच्छी बात है कि मुझे द्वारिकाधीश के अन्यय भक्त हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे चुना। चाय बेचकर जिसका परिवार चलता हो, जिनकी माता दूसरों के घर के बर्तन धोकर परिवार को पोषण किया, वह आज हमारे देश के प्रधानमंत्री बने हैं। मोहन यादव ने कहा कि भगवान कृष्ण ने सत्ता पर विराजमान कंस का वध किया इसके बावजूद वह सत्ता पर नहीं बैठे। भगवान कृष्ण ने पूरी शिक्षा का सार गीता के माध्यम से दिया। यह हमारा सौभाग्य है कि हम सब भगवान कृष्ण के वंशज हैं। भगवान कृष्ण ने अपने जीवन को धर्म को समर्पित कर दिया। इसी बात पर परोक्ष रूप से लालू परिवार को घेरते हुए उन्होंने बिहार के यादवों से ये आह्वाहन किया कि 5000 वर्ष पूर्व भगवान कृष्ण ने भी अधर्म के खिलाफ युद्ध किया। उसी प्रकार आपको भी अधर्म के खिलाफ डटकर खड़े रहना होगा।
सीएम मोहन यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश में जब मैं शिक्षा मंत्री बना तो नई शिक्षा नीति के तहत सबसे पहले भगवान कृष्ण और भगवान राम के जीवन को पाठ्यक्रम में शामिल करवाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद लोगों ने मुझसे पूछा कि आपकी प्राथमिकता क्या होगी ? मैंने इसपर कहा कि जनता को भौतिक सुख-सुविधा दे। जीवन में बदलाव लाएं। इसके साथ एक और प्राथमिकता होगी। भगवान कृष्ण मध्य प्रदेश आए थे। उनकी शिक्षा दीक्षा के जीवन को पाठ्यक्रम के रूप में लाएंगे। जहां जहां उनके कदम पड़े, उस जगह को तीर्थ बनाया जाएगा। इसके बाद गोपाल कृष्ण भगवान के जयकारे लगाकार उन्होंने अपना संबोधन समाप्त किया। बता दें कि श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में संबोधन के दौरान सीएम मोहन यादव ने दो बार पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लिया पर एक बार भी नीतीश और लालू का उन्होंने नाम तक नहीं लिया।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बिहार वासियों को एमपी में व्यवसाय हेतु आमंत्रित भी किया और कहा कि आपका एमपी में स्वागत है, आप आयें और प्रदेश में रोजगार करें एमपी की सरकार हर संभव सहायता के लिए आपके साथ हमेशा खडी है ।