संपूर्ण क्रांति के जनक जयप्रकाश नारायण की आज पुण्यतिथि है। इस अवसर पर आज देशभर में जेपी को श्रद्धांजलि दी जा रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के आयकर गोलंबर स्थित जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धाजंलि दी। आयकर गोलंबर पर आयोजित राजकीय समारोह में मंत्री विजय चौधरी, आलोक मेहता सहित कई नेताओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सोशल मीडिया पर सीएम नीतीश ने लिखा, सम्पूर्ण क्रांति के अग्रदूत, प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं प्रखर समाजवादी लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
जेपी के नेतृत्व ने कांग्रेस की सत्ता को तितर-बितर कर दिया
लोकनायक जयप्रकाश नारायण (11 अक्टूबर, 1902 – 8 अक्टूबर, 1979) एक ऐसा व्यक्तित्व जिसके नेतृत्व ने कांग्रेस की सत्ता को तितर-बितर कर दिया था। जिसकी आवाज, जिसके भाषण से लोगों के अंदर ज्वाला जल उठती थी। वह 1970 का दशक था। जयप्रकाश नारायण ने उस समय “संपूर्ण क्रांति” का नारा दिया। इसे नारे का इस्तेमाल उन्होंने सत्ता में बैठी इंदिरा गाँधी की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए किया था। जयप्रकाश नारायण को जेपी नारायण के नाम से भी लोगों में जाना जाता है। आजादी के बाद अगर भारतीय राजनीति में कोई सबसे बड़ा आंदोलन रहा है तो वह था, ”जेपी आंदोलन” जो गैर-कांग्रेसवाद की स्थापना का कारण बना। “सिंहासन खाली करो कि जनता आती है”रामधारी सिंह दिनकर की कविता की इन पंक्तियों को जेपी नारायण ने अपने नारों में शामिल किया था। 1998 में उन्हें मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मनित किया गया। इसके अतिरिक्त उन्हें समाजसेवा के लिए १९६५ में मैगससे पुरस्कार प्रदान किया गया था।