अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकता का खाका तैयार करने के लिए प्रयासरत नीतीश कुमार ने अप्रैल-मई माह में छह राज्यों का दौरा किया। इससे पहले भी वे एक बार अलग अलग पार्टियों के नेताओं से मिले थे। अब ममता बनर्जी के प्रस्ताव पर अगली संयुक्त बैठक पटना में निर्धारित थी। लेकिन फिलहाल सीएम नीतीश कुमार ने ही इस बैठक के आयोजन पर ब्रेक लगा दिया है। जबकि चर्चा थी कि यह जुटा 18 मई को हो सकता है। चूंकि अब लोकसभा चुनाव में एक साल से भी कम वक्त बचा है। इसलिए सभी दल स्ट्रेटजी साफ करना चाहते हैं। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलहाल इस बैठक पर ब्रेक लग गया है।
कर्नाटक में सरकार गठन के बाद बैठेगा विपक्ष
दरअसल, सीएम नीतीश कुमार ने बैठक पर अभी ब्रेक इसलिए लगाया है क्योंकि कर्नाटक में सरकार का गठन अभी नहीं हुआ है। नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि “कर्नाटक में कांग्रेसी जीत से विपक्ष बुलंद है। विपक्षी एकता की कवायद को बड़ी ताकत मिली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कर्नाटक में सरकार बनने के बाद विपक्षी दलों की बैठक की तारीख तय होगी।” चूंकि कर्नाटक में सीएम पद को लेकर कांग्रेस अभी तक किसी फैसले पर नहीं पहुंची है, इसलिए यह बैठक अभी नहीं होगी।
कांग्रेस-ममता के रुख पर सबकी निगाहें
अप्रैल-मई के नीतीश कुमार के छह राज्यों में दौरे में उन्हें बस भुवनेश्वर में नवीन पटनायक ने निराश किया। लेकिन तब के और अभी के हालात में बहुत कुछ बदल गया है। नीतीश कुमार ने जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की थी, उस वक्त कांग्रेस के हाथ कोई बड़ी जीत नहीं थी। लेकिन कर्नाटक की मेगा विक्ट्री ने कांग्रेस का मनोबल उंचा कर दिया है। दूसरी ओर ममता बनर्जी ने भी कांग्रेस को उन सीटों पर साथ देने का वादा किया है, जहां कांग्रेस मजबूत है। जबकि नीतीश कुमार का प्रयास विपक्षी एकता के साझा कार्यक्रम को लेकर है। ऐसे में अब बदले हालात में कांग्रेस और ममता के रुख पर सभी की निगाहें होंगी।