शिक्षा विभाग के अपन मुख्य सचिव केके पाठक को लेकर सदन में संग्राम जारी है। मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद भी शिक्षा विभाग में समय सारणी को लेकर कोई पत्र जारी नहीं हुआ।
भोजपुर में अपर मुख्य सचिव की हाल में शिक्षकों के पौने दस बजे विद्यालय पहुचने पर की गयी कार्रवाई को लेकर जदयू के वरिष्ठ नेता और विधान पार्षद नीरज कुमार का बयान सामने आया है। नीरज कुमार ने केके पाठक की शिक्षकों पर की गयी इस कार्रवाई को पूरी तरह से गलत बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का आदेश, प्रदेश में ब्रह्मा की लकीर होती है,जिसे कोई टाल नहीं सकता। नीरज कुमार ने कहा कि विधायिका कार्यपालिका से ऊपर होती है। जब विधायिका ने ही निर्णय ले लिया है, तो फिर कार्यापलिका के इन कुछ अफसरों की क्या बिसात कि वो मुख्यमंत्री की बात न माने! उन्हें हर हाल में ये आदेश मानना ही पड़ेगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि इस बात को लेकर विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
बताते चलें कि मुख्यमंत्री की विधानसभा में घोषणा के बाद उनके आदेश के अनुसार शिक्षक कल विद्यालय 9:45 तक पहुंचे, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने उन शिक्षकों पर कार्रवाई करते हुए एक दिन का वेतन काट लिया।