केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ बुधवार को बिहार कांग्रेस ने मौन सत्याग्रह कर अपना विरोध जताया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम विवाद (मोदी उपनाम वाले चोर होते हैं) में दो वर्ष की सजा होने के बाद संसद सदस्यता समाप्त किए जाने को षड्यंत्र बताकर बिहार कांग्रेस ने विरोध किया। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं ने गांधी मैदान स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया। मौन सत्याग्रह में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपने हाथों पर काला पट्टा बांध रखा और यहां तक कि मुंह पर मास्क भी काले रंग का लगाए रखा।
अयोग्यता के पीछे बीजेपी की ‘घटिया चाल’
पार्टी नेताओं ने कहा कि राहुल की अयोग्यता के पीछे बीजेपी की ‘घटिया चाल’ है। कांग्रेस ने यह आरोप लगाया कि सरकार उनकी आवाज को दबाने के लिए नई तरकीबें ढूंढ़ रही, क्योंकि वो सच सुनने से घबराती है। दरअसल, न सिर्फ बिहार बल्कि 12 जुलाई को कांग्रेस ने इस प्रकार का देशव्यापी मौन सत्याग्रह किया है। सत्याग्रह में अखिलेश सिंह के अतिरिक्त विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, डॉ मदन मोहन झा सहित बड़ी संख्या में पार्टी के विधायक, विधान परिषद सदस्य सहित अन्य नेता मौजूद रहे।
बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस का संघर्ष जारी रहेगा
कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा कि राहुल गांधी हमेशा ही नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के खिलाफ होकर आवाज उठाते रहे हैं। वेणुगोपाल ने कहा, बेहद सफल भारत जोड़ो यात्रा के बाद, राहुल गांधी ने लोकसभा में एक ऐतिहासिक भाषण दिया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और अडानी समूह के बीच संबंधों का खुलासा किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि परिणामस्वरूप, भाजपा ने गांधी को संसद से अयोग्य ठहराने के लिए अपनी घटिया चाल चली। लेकिन भाजपा के खिलाफ कांग्रेस का संघर्ष जारी रहेगा।