इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक होने के बाद भी शीट शेयरिंग का फार्मूला तय नहीं हो सका। बैठक के बाद ऐलान किया गया था कि तीन सप्ताह के भीतर सीट शेयरिंग की पहेली सुलझ जाएगी। लेकिन यह मामला उलझता ही जा रहा है। बैठक के एक सप्ताह बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने स्तर से बैठक कर बिहार के आठ सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गई है। अगर जदयू-राजद इन सीटों पर समझौता नहीं करती है तो कांग्रेस बिहार में अकेले चुनाव लड़ सकती है।
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“बिहार में खोने के लिए कांग्रेस के पास कुछ नहीं”
बता दें कि लोकसभा चुनाव को लेकर आज यानि की 26 दिसंबर को बिहार कांग्रेस की दिल्ली में बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने बिहार के प्रमुख कांग्रेसी नेताओं के साथ लगभग तीन घंटे तक बैठक की। इस बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में पार्टी की संभावनायें और गठबंधन में सीटों की दावेदारी पर नेताओं से बात की। जिसके बाद पार्टी ने बिहार की आठ सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। कांग्रेस नेता का कहना है कि बिहार में उनके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है तो किसी पार्टी से क्यों डरा जाए।
“गठबंधन न टूटे इसकी कोशिश रहेगी”
सूत्रों की मानें तो बिहार के एक नेता ने बैठक में कहा कि राजद औऱ जेडीयू की प्लानिंग है कि कांग्रेस को बिहार में तीन-चार सीट देकर निपटा दिया जाए। पार्टी नेतृत्व को इस पर कोई समझौता नहीं करना चाहिये. क्योंकि कांग्रेस को बिहार में खोने के लिए कुछ भी नहीं है. पार्टी के पास सिर्फ एक लोकसभा सीट किशनगंज है। किशनगंज का समीकरण ऐसा है कि अगर कांग्रेस अकेले भी चुनाव लड़ ले तो भी जीत हासिल हो जायेगी। फिर जेडीयू या राजद से क्यों डरा जाये। हालांकि कांग्रेस आलाकमान गठबंधन से समझौता नहीं करना चाहते उनका कहना है कि आखिरी दम तक गठबंधन न टूटे इसकी कोशिश रहेगी। लेकिन कांग्रेस जरुरत से ज्यादा झुक कर समझौता भी नहीं करना चाहती।
हालांकि इस बैठक के दौरान कांग्रेस नेताओं को कहा गया है कि वह जिन सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं उन सीटों पर चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर लें।
वहीं, बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि हम राजद, जेडीयू और वाम दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लडेंगे। अखिलेश सिंह ने कहा कि पार्टी के नेतृत्व के सामने गठबंधन के हर पहलु पर विस्तृत चर्चा हुई है। 29 दिसंबर को होने वाली इंडिया अलायंस की बैठक के बाद आगे की रणनीति तय की जायेगी।