राज्य में 20 जून को बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar MLC Election) होने वाले है। जिसके लिए राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने प्रत्याशीयों की सूची जारी कर दी है। वहीं विधायक कोटे से भरी जानी वाली तीन सीटों पर राजद ने मुन्नी रजक, कारी सोहैब और अशोक पांडेय को प्रत्याशी बनाया है।
भाकपा माले नाराज
बता दें कि राजद उम्मीदवारों के ऐलान पर सहयोगी पार्टी भाकपा माले ने कड़ी आपत्ति जताई है। हालांकि माले भी एक सीट पर अपना उम्मीदवार उतारना चाहती थी। वहीं राजद के फैसले को भाकपा माले ने एकतरफा करार देते हुए कहा कि विधान परिषद की एक सीट हमें मिलनी चाहिए थी।
पत्र लिखकर जताया विरोध
मिली जानकारी के अनुसार भाकपा माले ने राजद को पत्र लिखकर उसके फैसले का विरोध जताया है। वहीं भाकपा माले ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को भेजे गए पत्र में कहा है कि राजद का फैसला उन्हें स्वीकार नहीं है। राजद को अपने फैसले पर एक बार फिर से विचार करने की जरुरत है। हालांकि राजद ने अनुसार यह फैसला सबकी सहमति से किया गया है।
रिश्तों में दिख रहे फासलें !
मिली जानकारी के अनुसार माले के राज्य सचिव कुणाल ने बिहार विधान परिषद की तीन सीटों पर राजद के अपने उम्मीदवार खड़े करने को एकतरफा और दुर्भाग्यपूर्ण घोषणा बताया है। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन की मर्यादा को ठेस पहुचने जैसा है। बता दें कि साल 2020 के विधानसभा चुनाव महागठबंधन के पांच दल कांग्रेस, राजद, माकपा और भाकपा तथा माले ने एक साथ लड़ा था। वहीं कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने महागठबंधन से अलग थलग नजर आई थी। वहीं वामदलों ने उपचुनाव में भी राजद का साथ नहीं छोड़ा था। हालांकि अब विधान परिषद चुनाव में राजद की तरफ से प्रत्याशियों का एकतरफा ऐलान करना भाकपा माले को नाखुश करता दिख रहा है।