मकर संक्रांति पर बिहार में दही-चूड़ा भोज बहुत प्रचलित है। इस भोज में कई सियासी समीकरण बनते और बिगड़ते हैं। ये चुनावी साल है, इसलिए यहां सियासी गलियारी में आज जमकर दही-चूड़ा भोज पर सियासत हो रही है। सबसे पहले सुबह-सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने मंत्री रत्नेश सदा के आवास पर दही-चूड़ा भोज कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। यहां से वह सीधे लोजपा रामविलास के पार्टी कार्यालय पहुंचे, लेकिन वहां चिराग पासवान मौजूद नहीं थे। नीतीश कुमार वैसे ही लौट आये।
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी दही-चूड़ा भोज में पीछे नहीं रहे। लोजपा रामविलास के पार्टी कार्यालय में आयोजत भोज में राज्यपाल भी पहुंचे। हालांकि इस बार राज्यपाल के स्वागत के लिए केन्द्रीय मंत्री और पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान वहां मौजूद थे। इस अवसर पर राज्यपाल ने बिहार वसियों को मकर संक्रांति पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी।
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आज राबड़ी आवास पर भी लालू ने चूड़ा दही भोज का आयोजन किया था, लेकिन राबड़ी आवास पर सिर्फ आरजेडी नेताओं, कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया था। महागठबंधन के सहयोगी दलों को नहीं बुलाया गया है। राबड़ी आवास पर भोज के दौरान मेहमानों को दही-चूड़ा, भूरा, तिलकुट, तिलवा समेत अन्य व्यंजनों का स्वाद चखने का मौका मिला। इस दौरान राष्ट्रीय लोकतांत्रिक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति पारस भी वहां पहुंच गये।
दोनों नेताओं की मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा है लेकिन क्या कुछ बात हुई है इसको लेकर तेजस्वी यादव ने मीडिया को सब कुछ बताया है। मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से कहा कि पशुपति पारस कल (15 जनवरी, 2025) मकर संक्रांति मना रहे हैं। इसी को लेकर न्योता देने के लिए आए थे। पशुपति पारस से हम लोगों का पारिवारिक संबंध है। रामविलास पासवान से भी हम लोगों का संबंध रहा है। दोनों नेताओं ने लालू यादव के साथ काम किया है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि निमंत्रण मिला है तो शायद लालू यादव जाएंगे।तेजस्वी यादव से जब पूछा गया कि चिराग पासवान के भोज में नीतीश कुमार गए लेकिन दोनों नेताओं के बीच मुलाकात नहीं हो पाई इस पर तेजस्वी यादव ने कहा कि हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। चिराग पासवान से पूछ लीजिए।