नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को एक बार फिर संभल हिंसा हंगामे का माहौल पैदा हो गया। इस बार विवाद का केंद्र बने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, जिनके बीच संभल हिंसा पर तीखी बहस हुई।
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सम्भल में हाल ही में हुए हिंसक घटनाक्रम को लेकर बोलते हुए अखिलेश यादव ने इसे एक सोची-समझी साजिश करार दिया और आरोप लगाया कि यह बीजेपी और उसके समर्थकों द्वारा की गई एक सुनियोजित कोशिश थी। अखिलेश ने कहा, “संभल में जो कुछ हुआ, वह पूरी तरह से साजिश का हिस्सा था। बीजेपी ने भाईचारे को नुकसान पहुंचाने का काम किया है। वे हर जगह देश की गंगा-जमुनी तहजीब को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।”
गिरिराज और पियूष गोयल ने दिया जवाब
अखिलेश के इन आरोपों पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह चुप नहीं रह सके। वे अपनी सीट से खड़े हो गए और अखिलेश की बातों का कड़ा विरोध किया। गिरिराज सिंह ने सपा प्रमुख को जवाब देते हुए कहा, “आप क्या जानेंगे देश की स्थितियों को। ऐसा आरोप लगाना राजनीति को नुकसान पहुंचाने के सिवा कुछ नहीं है।”
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इस बीच, गिरिराज सिंह के समर्थन में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी उठ खड़े हुए और दोनों मंत्रियों ने मिलकर अखिलेश यादव के बयान पर नाराजगी जताई। हंगामे के कारण सदन में कुछ देर के लिए व्यवस्था चरमरा गई, लेकिन लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने स्थिति को नियंत्रित करते हुए सत्ता पक्ष के सांसदों को अपनी सीटों पर बैठने का आदेश दिया।
अखिलेश यादव ने सिर्फ संभल हिंसा पर ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश में आगामी उपचुनावों की तारीखों में बदलाव पर भी सवाल उठाए। उन्होंने इसे एक रणनीतिक कदम बताया जो विपक्ष को कमजोर करने के उद्देश्य से उठाया गया था। संसद में इस तीखी बहस के बीच कुछ समय तक कामकाजी माहौल प्रभावित रहा, लेकिन बाद में स्थिति शांत हुई और दोनों पक्षों के सांसद अपनी सीटों पर वापस लौटे। लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, हालांकि इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में गर्मा-गर्मी को बढ़ा दिया है।