तेजस्वी यादव ने सीतामढ़ी में एक बयान में कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए महागठबंधन का दरवाजा अब बंद हो चुका है। तेजस्वी ने नीतीश कुमार को रिटायर बताते हुए कहा कि अब वे राजनीति में सक्रिय नहीं हैं। उन्होंने इस दौरान आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र द्वारा नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव देने को एक व्यक्तिगत राय बताया और साफ किया कि यह आरजेडी का आधिकारिक बयान नहीं है।
तेजस्वी ने कहा कि आरजेडी में केवल लालू यादव और तेजस्वी यादव ही पार्टी के आधिकारिक फैसले लेने के लिए अधिकृत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भाई वीरेंद्र का बयान उनके व्यक्तिगत विचार थे, और पार्टी का यह रुख नहीं है। तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि वे अब “रिटायर” हो चुके हैं और अपनी भूमिका पूरी कर चुके हैं।
तेजस्वी ने बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों का समर्थन भी किया और कहा कि वे इस मामले में मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने नीतीश कुमार को दो चिट्ठियां लिखी थीं, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार विधानसभा में चुप रहते हैं और मीडिया से भी कोई संवाद नहीं करते हैं।
इससे पहले भाई वीरेंद्र ने यह बयान दिया था कि अगर नीतीश कुमार सांप्रदायिक ताकतों को छोड़कर महागठबंधन में शामिल होते हैं, तो उनका स्वागत किया जाएगा। हालांकि, तेजस्वी ने इसे भाई वीरेंद्र का व्यक्तिगत बयान बताकर इससे किनारा कर लिया।