लोजपा (रामविलास) के प्रदेश संसदीय दल के अध्यक्ष और पूर्व विधान पार्षद हुलास पांडेय की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि वे बालू के अवैध सिंडिकेट मामले में फंसे हुए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को पटना और बेंगलुरू में कई ठिकानों पर छापामारी की, जिसके दौरान हुलास पांडेय से जुड़े दस्तावेज़ बरामद हुए हैं।
ईडी ने बालू के अवैध कारोबार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में यह कार्रवाई की। जांच के दौरान 50 करोड़ रुपये मूल्य के दस्तावेज और कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए, जो खनन गड़बड़ी से जुड़े थे। दस्तावेज़ों की प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया कि हुलास पांडेय के कई ऐसे कंपनियों और व्यक्तियों से रिश्ते थे, जिनका पहले इस मामले में कोई उल्लेख नहीं था।
ईडी ने हुलास पांडेय को पूछताछ के लिए समन भेजा है, और संभावना जताई जा रही है कि अगले सप्ताह वे ईडी के सामने पेश होंगे। यह कार्रवाई बिहार की नदियों से बालू के अवैध खनन से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ चल रही जांच का हिस्सा है।
इसके पहले, बालू के अवैध खनन मामले में कई बड़े नेताओं पर भी ईडी ने दबिश दी थी। इनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के एमएलसी राधाचरण सेठ और उनके बेटे कन्हैया प्रसाद भी शामिल हैं, जिन्हें गिरफ्तार किया गया था, हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई।