झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक और समन भेजा है। ईडी ने बताया है कि आपको (हेमंत सोरेन) पीएमएलए की धारा-50 के तहत बयान दर्ज कराने का आखिरी मौका दिया जा रहा। आप खुद तिथि, समय और जगह बताएं, वहां ईडी के अधिकारी आकर पूछताछ कर लेंगे। इसके जवाब के लिए मुख्यमंत्री हेमंत को दो दिन समय दिया गया है। समन में लिखा है कि हेमंत जानबूझकर मामले की जांच से बच रहे और समन की अवहेलना कर रहे हैं। अगर, अब समन की अवहेलना की जाती है तो ईडी के पास पीएमएलए की धारा के तहत कार्रवाई का अधिकार है।
ईडी ने बताया आधार
भानु प्रताप के घर से मिले दस्तावेज के संबंध में होनी है पूछताछ: ईडी ने लिखा है कि बड़गाईं अंचल के उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के घर से छापेमारी में जमीन से जुड़े कई अहम दस्तावेज मिले थे। उसकी जांच की जा रही है। इसी मामले में पूछताछ को समन जारी किया गया है। आपकी संपत्ति का भी विवरण लेना है, इसलिए पूछताछ जरूरी है। यह सरकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ का मामला है।
सांसद निशिकांत दुबे ने साधा निशाना
सांसद निशिकांत दुबे ने हेमंत को ईडी द्वारा भेजे गए सातवें समन की खबर को ट्वीट कर लिखा-आखिरी पल है आखिरी आंहें तुझे ढूंढ रही हैं, डूबती सांसें बुझती निगाहें तुझे ढूंढ रही हैं सामने आजा एक बार। ट्वीट को लेकर चर्चा तेज है कि कहीं यह सीएम को आखिरी अवसर तो नहीं दिया जा रहा।
हाईकोर्ट में कब क्या-हुआ
हेमंत द्वारा दायर क्रिमिनल रिट याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर कहा था कि यह सुनने लायक नहीं है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में सुनवाई हुई थी, जहां ईडी के वकील ने कहा था कि समन को चुनौती देना सही नहीं है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट में मनोहर लाल केस का हवाला देते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि ईडी समन जारी कर सकती है।
हेमंत की क्या थी शिकायत
सुप्रीम कोर्ट के आदेश बाद हेमंत सोरेन ने हाईकोर्ट में 22 सितंबर को याचिका दायर की थी। मामले में हेमंत ने पत्र लिखकर ईडी को जानकारी दी थी। साथ ही हाईकोर्ट का निर्देश आने तक इंतजार करने का अनुरोध किया था। हेमंत द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि पीएमएलए 2002 में निहित प्रावधानों के तहत ईडी के अधिकारी को जांच के समय किसी को समन करने का अधिकार है, जिसे धारा-50 के तहत समन जारी किया जाता है, उससे सच्चाई बताने की अपेक्षा की जाती है। उसका बयान दर्ज किया जाता है। इसके बाद इस बयान पर दंड या गिरफ्तारी के डर से उसे इस पर हस्ताक्षर करने की अपेक्षा की जाती है। जो संविधान के अनुच्छेद 20(3) का उल्लंघन है।
पूरा मामला क्या है ?
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन जारी होने के बाद हेमंत सोरेन ने ईडी से समन वापस लेने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि हमने पहले ही संपत्ति की जानकारी दे दी है। वह गुम हो गया है तो वे फिर से दे सकते हैं। बता दें इससे पूर्व अवैध खनन मामले में ईडी ने हेमंत को पूछताछ के लिए समन जारी किया था।