बिहार सरकार में पदस्थापित शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के अपने पद से इस्तीफा देने के मामले में शिक्षा मंत्री का बड़ा बयान सामने आया है। पत्रकारों के द्वारा पूछे गए सवाल के जबाब में शिक्षा मंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “केके पाठक के मन में हम थोड़े ही बैठे हैं। उनको काम करने का मन नहीं हुआ तो वो इस्तीफा दे दिये… हम क्या करें!” वहीं कार्यकर्ता संवाद सम्मेलन में पहुंचे चंद्रशेखर की जुबान बोलते बोलते एक बार फिर से फिसल गई और उन्होंने एक जगह अमर्यादित शब्द का प्रयोग किया।
पार्टी के कार्यकर्ता सम्मलेन में भाग लेने बेगूसराय पहुंचे शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने एक बार फिर से भाजपा पर निशाना साधा और राम और धर्म पर अपने पुराने स्टैंड पर कायम रहे। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी और भारत सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने सत्ता हासिल करने के लिए जनता को तरह-तरह के सब्ज बाग़ दिखाएं और 15 से 20 लाख रुपए हरेक खाते में भेजने का वादा किया। शिक्षा मंत्री यहीं नहीं रुके, देश में व्याप्त बेरोजगारी पर भी उन्होंने मौजूदा केंद्र सरकार को आड़े हांथों लेते हुए कहा कि उन्होंने प्रत्येक वर्ष 22 करोड़ नौकरी देने की बात कही थी। 9 साल से अधिक बीत जाने के बावजूद, अभी तक एक लाख लोगों को भी उन्होंने नौकरी नहीं दी है। अपने आप को चौकीदार की संज्ञा देने वाले नरेंद्र मोदी ने धीरे-धीरे सरकारी संसाधनों को निजी हाथों में बेच दिया। किसानों की आमदनी दुगनी करने का भरोसा देकर किसानों की लागत दुगुनी कर दी गई। वहीं महंगाई की मार से घर की गृहनियां तक परेशान है। आज हर चीजों का दाम आसमान छू रहा है। नरेंद्र मोदी की सरकार ने कफन से लेकर नमक तक पर जीएसटी लगाने का काम किया है। शिक्षा मंत्री ने आगे बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने सरहद एवं सीमा सुरक्षा के संबंध में भी सब्ज बाग़ दिखाएं। जबकि हालत यह है कि लद्दाख, डोकलाम एवं अन्य जगहों पर हमारी अच्छी खासी जमीन पर कब्जा हो चुका है। अरे चीन की बात तो दूर, नेपाल जैसे छोटे देश ने भी 7000 एकड़ से अधिक भूमि पर अपना कब्जा कर लिया है। नरेंद्र मोदी की भाजपा सरकार ने आज तक सिर्फ हिंदू-मुसलमान, कश्मीर पाकिस्तान पर बात कर लोगों को ठगा है। राम मंदिर को लेकर भी शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि आज गांव गांव अक्षत भेजने का काम किया जा रहा है और लोगों से उगाही जारी है।जबकि नौकरी देने की बात की जानी चाहिए थी। दुनिया के लोग चाहे किसी भी धर्म के हो उन्हें अपने भगवान पर आस्था है। गरीबों को चाहिए रोटी कपड़ा और मकान लेकिन आज गरीबों से मकान का हक ले लिया गया और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मार्च 2022 के बाद गरीबों को नहीं मिला है। उस 12 लाख करोड रुपए की बंदरबाँट कर ली गई।
सम्मलेन में बिहार सरकार की उपलब्धियों की ओर इशारा करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि बिहार के नीतीश और तेजस्वी की सरकार ने लोगों से जो वादा किया उसे पूरा किया और लाखों लोगों को नौकरी दी। तमिलनाडु के बाद बिहार दूसरा ऐसा राज्य बना जहां जाति आधारित गणना करवाई गई। आज मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को आवास का लाभ भी मिल रहा है। भगवान ने वर्ण व्यवस्था की स्थापना नहीं की और ना ही उन्होंने लोगों को जातियों में विभक्त किया था। लेकिन आज भाजपा के लोग जाति में बाँट कर वर्ण व्यवस्था को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। शबरी के बेर खाने वाले राम को हम मानते हैं, लेकिन जो सबरी के बेटे को मंदिर में न घुसने दें, उसको हम कतई नहीं मानते। 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को जगन्नाथ पुरी मंदिर में घुसने नहीं दिया गया था। वर्तमान राष्ट्रपति को भी घुसने नहीं दिया गया। जब हमने इसी बात को दोहराया और कहा कि जाति प्रथा भगवान के द्वारा नहीं बनाई गई, वह तो पुरखों की गलती से बनी है। उसे मानने की कोई जरूरत नहीं। तो हमारे जीभ की कीमत 10 करोड़ लगा दी गई। यही बात जब संघ प्रमुख मोहन भागवत ने की तो किसी ने चूँ तक नहीं की।