चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की जमानत आदेश को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सीबीआई की इस याचिका पर अब लालू प्रसाद यादव ने जवाब दाखिल कर दिया है। इसमें लालू यादव ने अपनी जमानत रद्द करने की सीबीआई की याचिका का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि सीबीआई की याचिका खारिज की जाए।
सीबीआई का कोई मकसद पूरा नहीं होगा
सीबीआई की याचिका के जवाब में लालू यादव ने कहा है कि “सजा निलंबित करने के हाईकोर्ट के आदेश को केवल इस आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती कि सीबीआई इस फैसले से असंतुष्ट है। हाईकोर्ट के फेसले में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हाईकोर्ट का फैसला सामान्य सिद्धांतों और समान नियमों पर आधारित है। लालू ने खराब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र को कारण बताते हुए कहा है कि उन्हें हिरासत में रखने से सीबीआई का कोई मकसद पूरा नहीं होगा। लालू यादव की जमानत को रद्द करने को लेकर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 25 अगस्त को सुनवाई होगी। सीबीआई ने दुमका, डोरंडा और चाईबासा और देवघर मामलों में जमानत को चुनौती दी है।
अदालत ने पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सुनाई थी सजा
बता दें कि चारा घोटाले के तहत डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये से अधिक के गबन मामले में दोषी करार दिए गए लालू प्रसाद यादव को रांची में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने पिछले साल 21 फरवरी को पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी और 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके बाद उच्च न्यायालय ने 22 अप्रैल, 2022 को डोरंडा कोषागार गबन मामले में 75 वर्षीय यादव को जमानत दे दी थी। जब यह कथित घोटाला हुआ उस समय लालू अविभाजित बिहार के मुख्यमंत्री थे और वित्त विभाग भी उनके पास था।