सासाराम के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद मंगलवार बेल पर बाहर आ गए हैं। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के पश्चात तीन माह बाद जवाहर प्रसाद बाहर आए। वो सासाराम में रामनवमी के बाद भड़की हिसा मामले में 29 अप्रैल 2023 से मंडल कारा में बंद थे। जेल से बाहर निकलते ही उन्होंने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला। कहा कि वर्तमान समय में राज्य की सरकार साधु संतों को जेल में रख रही है’ जबकि चोर उचक्के बेखौफ बाहर घूम रहे हैं। आपराधिक तत्व खुलेआम अपराध कर रहे हैं और साधु, संत एवं सज्जन प्रवृत्ति के लोगों को जेल में बंद किया जा रहा है।
सरकार ने बदनाम करने की साजिश रची
जवाहर प्रसाद ने कहा कि उन पर लगाए तमाम आरोप निराधार है। माननीय उच्च न्यायालय ने जमानत दिया है। उन्होंने बिहार सरकार को अंधी-बहरी की सरकार करार दिया। कहा कि रामनवमी के बाद हुए दंगा में किसी मुस्लिम ने हिंदू पर या किसी हिंदू ने मुस्लिम पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराया। तमाम मुकदमे सरकार ने करवाई है। इससे साबित होता है कि इलाके के लोग अमन पसंद हैं। उन्होंने सासाराम को सरकार द्वारा बदनाम करने की साजिश करार दिया। जेल से बाहर आने के बाद मौके पर जुटे भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका जबरदस्त स्वागत किया और जमकर ‘जय श्री राम’ और ‘हर-हर महादेव’ के नारे लगाए।
31 मार्च को दो पक्षों के बीच हुआ था बवाल
बता दें कि सासाराम में रामनवमी जुलूस के बाद 31 मार्च 2023 दो पक्षों के बीच तनाव हो गया था। इस घटना में पत्थरबाजी की गई और दुकानों में आगजनी भी हुई थी। उपद्रव के दौरान गोलीबारी में राजा चौधरी नामक व्यक्ति की इलाज के दौरान वाराणसी में मौत भी हो गई थी। इसके बाद नगर पुलिस ने पूर्व में की गई प्राथमिकी में भारतीय दंड विधान की धारा 302 जोड़ने का निवेदन कोर्ट से किया था।