भागलपुर में रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि सिंह ने मीडिया से बातचीत की और आगामी 23 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में आयोजित होने वाली कोइरी आक्रोश महारैली की तैयारियों के बारे में बताया। इस मौके पर उन्होंने बिहार सरकार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्य के मंत्री जयंत राज पर जमकर हमला बोला और कोइरी समाज के प्रति सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।
कोइरी समाज का 12 प्रतिशत प्रतिनिधित्व
नागमणि सिंह ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा कराई गई जातीय गणना में कोइरी समाज को सिर्फ 4 प्रतिशत दिखाया गया है, जबकि वास्तविकता में कोइरी समाज का प्रतिनिधित्व 12 प्रतिशत है। उन्होंने इस कदम को निंदनीय बताते हुए कहा कि सरकार ने कोइरी समाज का “गर्दन काटने” का काम किया है। उनके अनुसार, यह “बर्दाश्त से बाहर” है और समाज को उनका उचित हक मिलने तक वे लड़ाई जारी रखेंगे।
प्रशांत किशोर से बातचीत और गठबंधन का इशारा:
नागमणि सिंह ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने प्रशांत किशोर से एक घंटे तक बातचीत की है और यह बताया कि उनकी टीम गांव-गांव में फैली हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे दोनों साथ आ गए तो “दुनिया की कोई ताकत” नीतीश कुमार और लालू यादव को उखाड़ फेंकने से रोक नहीं सकेगी।
जयंत राज पर निशाना:
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने राज्य के मंत्री जयंत राज कुशवाहा पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि जयंत राज “एक मिमियाने वाला मंत्री” है, जिसने नीतीश कुमार की चमचागिरी करते हुए कहा कि कोइरी समाज सिर्फ 4 प्रतिशत है। नागमणि सिंह ने कहा, “हम मंत्री को उसकी औकात बता देंगे।”
कोइरी समाज को एकजुट करने का संकल्प:
नागमणि सिंह ने यह भी बताया कि वे बिहार के गांव-गांव में जाकर कोइरी समाज को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं और इस महा रैली में लाखों लोग शामिल होंगे। उनका कहना था कि यह महारैली बिहार के कोइरी समाज के अधिकारों की लड़ाई को मजबूत करेगी और उन्हें उनका सही हक मिलेगा।
नागमणि सिंह के इस बयान से साफ है कि वे कोइरी समाज के मुद्दे को लेकर बेहद गंभीर हैं और इस दिशा में राजनीतिक हलचल तेज करने का इरादा रखते हैं। आगामी महारैली में अधिक से अधिक समर्थन जुटाने के लिए वे पूरी कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार और उनकी सरकार की नीतियों पर भी तीखा हमला किया है, जिससे आगामी बिहार चुनावों में एक और राजनीतिक संघर्ष की संभावना बढ़ रही है।