गिरिडीह : पारसनाथ स्थित आदिवासियों के मरांगबुरु बचाने को लेकर जैनियों के मंदिर तोड़ने की सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के बयान ने तूल पकड़ लिया है। इस बयान को लेकर झारखंड की सत्ता पक्ष और विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
सालखन जैसे लोग नाअपने समाज के हैं ना झारखंड के
प्रदेश कांग्रेस ने सालखन मुर्मू को शरणार्थी बताते हुए कहा कि सालखन जैसे लोग ना तो अपने समाज के हैं। ना झारखंड के हैं। ना ही इस देश के हैं। जो व्यक्ति अपना राज्य छोड़कर आया हो। यह उड़ीसा से सांसद हुआ करते थे। जब वहां की जनता ने उन्हें नकार दिया और भगा दिया। तो वह झारखंड आकर शरण लिए हुए हैं। अब झारखंड आकर वह आग लगाना चाहते हैं। लेकिन झारखंड की जनता संवेदनशील है। ऐसे बयान देने वालों को सबक सिखाने का काम करेगी।
ऐसे बयान देने वाले के खिलाफ सख्त कार्यवाई हो
वही प्रदेश भाजपा ने कहा कि राज्य सरकार को ऐसे बयान देने वाले को गंभीरता से लेने की जरूरत है और इनके खिलाफ सख्त कार्यवाई करनी चाहिये। समय रहते सरकार अगर नहीं चेतती। तो ऐसे लोग अपने मंसूबो में सफल हो जायेंगे। जो इस राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा।