झारखंड की राजनीति में कहीं दल बदल तो कहीं घर वापसी का खेल चल रहा है। इस बार के लोकसभा चुनाव में हर नेता की पहली पसंद BJP है। लेकिन किसी कारण वर्श टिकट नहीं मिलने पर नेता अपने-अपने पुराने घर लौट रहे है। पार्टी के दलबदलू नेता अब अपने पुराने दल में टिकट की आस में लौट रहे हैं। सभी नेता अपने राजनीतिक भविष्य के लिए सुरक्षित रास्ता तलाश रहे हैं।
गौरतलब हो कि झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री गिरिनाथ सिंह पांच साल पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। ऐसे में इस बार जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो वो अब वापस से राजद में लौट चुके है। संभावना है कि लालू यादव उन्हें फिर से एक मौका दे सकते है और चतरा से टिकट दे सकते है। गिरिनाथ सिंह के मैदान में उतरने से मुकाबला रोमांचक होगा।
वहीं, पिछले लोकसभा चुनाव में JMM का दामन छोड़ BJP का हाथ थामने वाले जेपी पटेल को इस बार कांग्रेस पार्टी ने मौका दिया है। उन्हें कांग्रेस ने हजारीबाग से टिकट दे दिया है। हालांकि जेपी पटेल भी लोकसभा चुनाव की टिकट की कतार में थे। उधर बात नहीं बनी तो प्रतिद्वंद्वी दल में सहारा लिया।
इधर, भाजपा ने दुमका से झामुमो की सीता सोरेन को टिकट देकर निवर्तमान सांसद सुनील सोरेन को निराश किया। वह भी आगे का रास्ता तलाश रहे हैं। झामुमो ने दुमका से नलिन सोरेन को प्रत्याशी घोषित कर दिया है, ऐसे में सुनील सोरेन के अगले रुख पर नजर होगी। ऐसे में अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि ये दल बदल का खेल अभी जारी रहेगा।