नया संसद भवन देश की राजनीति में नया बवाल लेकर आया है। संसद भवन के निर्माण की घोषणा से लेकर उसका उद्घाटन, सबकुछ विवादों में ही है। पहले तो नए संसद भवन के औचित्य पर सवाल उठे। सरकार नहीं मानी, संसद भवन बन गया। अब इसके उद्घाटन पर भी विवाद कम नहीं है। पहले तारीख को लेकर बवाल उठा कि सावरकर जयंती पर संसद भवन का उद्घाटन क्यों हो रहा है। बाद में कांग्रेस ने संसद के उद्घाटनकर्ता के विवाद की शुरुआत की। अब कांग्रेस सहित 20 राजनीतिक दलों ने संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार कर दिया है। दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि 2024 में भाजपा के हटने के बाद नई सरकार नए संसद में सत्र संचालन नहीं करेगी।
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ललन सिंह ने दिया बयान
नए संसद के उद्घाटन समारोह का विरोध करने वालों में जनता दल यूनाइटेड भी मुखर है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्षा ललन सिंह ने ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी के सांसद नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेंगे। ललन सिंह का यह भी कहना है कि इतिहास को बदलने का प्रयास किया जा रहा है। इसकी भागीदार जदयू नहीं बनेगी। साथ ही ललन सिंह ने यह भी कह दिया कि सरकार बदलेगी तो नए संसद भवन में कोई दूसरा काम होगा।
ललन सिंह के इस बयान को नीतीश कुमार से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि संसद भवन के बहिष्कार तक तो पार्टियां साथ हैं लेकिन भवन बन जाने के बाद भी संसद के तौर पर इसका प्रयोग नहीं करने जैसी बात किसी और दल ने नहीं की है। लेकिन ललन सिंह ने यह बयान दिया है तो यह माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अगर पीएम बनते हैं तो नए संसद का इस्तेमाल दूसरे कार्य के लिए होगा।
जदयू की मांग राष्ट्रपति करें उद्घाटन
ललन सिंह ने यह भी कहा कि अगर संसद भवन बना ही है तो इसका उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए था। प्रधानमंत्री कौन होते हैं उद्घाटन करने वाले? वहीं सम्राट चौधरी के उस बयान पर भी ललन सिंह ने प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होंने पूछा था कि जब बिहार विधानसभा के नए भवन का उद्घाटन सीएम नीतीश कुमार कर सकते हैं तो नए संसद का उद्घाटन पीएम क्यों नहीं कर सकते? इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ललन सिंह ने सीधा तो जवाब नहीं दिया लेकिन सवाल पूछ दिया कि सम्राट चौधरी कानून बनाने वाले हैं क्या?