प्रशांत किशोर ने राजनीतिक रणनीतिकार का फुलटाइम काम छोड़कर जब से बिहार में पदयात्रा शुरू की है, तब से वे राजनीतिक दलों पर खूब बरस रहे हैं। नीतीश, तेजस्वी, लालू उनके प्रिय टॉपिक हैं, जिनपर वे खूब बरसते रहे हैं। मोदी-शाह और भाजपा के साथ राहुल गांधी और कांग्रेस को भी प्रशांत किशोर बख्शते नहीं हैं। लेकिन नीतीश और मोदी के अलावा वैसे नेताओं पर कम बरसते हैं, जिनके लिए पहले उन्होंने काम किया हुआ है। ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, एमके स्टालिन और जगन मोहन रेड्डी के लिए भी काम कर चुके प्रशांत किशोर इन नेताओं पर कम ही बोलते हैं। लेकिन एक इंटरव्यू में उन्होंने जगन मोहन रेड्डी के राजनीतिक भविष्य पर टिप्पणी कर दी। एक-दो बार छोड़ दें तो नीतीश, तेजस्वी तो प्रशांत के बयानों को सार्वजनिक तौर पर खास महत्व नहीं देते हैं। लेकिन जगन मोहन रेड्डी ने प्रशांत किशोर को आड़े हाथ ले लिया है। जगन और प्रशांत कभी एक ही टीम थे लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में यह जोड़ी टूटी हुई है।
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दरअसल, आंध्र प्रदेश में चुनाव खत्म होने के बाद जगन ने अपनी पार्टी की कैम्पेनिंग करने वाली आईपैक टीम के सदस्यों से बात की। इस दौरान जगन ने टीम को सराहा और प्रशांत को फटकारा। जगन नाराज हैं क्योंकि चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद प्रसारित हुए एक इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि इस बार चुनाव में जगन की पार्टी को पिछली बार जीती 151 सीटों के मुकाबले 51 सीटें भी नहीं आएंगी। इसी से नाराज जगन ने कहा कि इस बार इतनी सीटें आ रही हैं, जितनी प्रशांत किशोर ने सपने में भी नहीं सोची होंगी। साथ ही जगन ने यह भी दावा किया कि वे आंध्र प्रदेश में 25 में से कम से कम 21 लोकसभा सीटें भी जीत रहे हैं।
दरअसल, जगन के प्रचार का काम संभालने वाली आईपैक टीम की पहचान प्रशांत किशोर ही थे लेकिन अब प्रशांत इस टीम से अलग हैं। इस बार आईपैक ने ही जगन की कैम्पेनिंग का काम किया है लेकिन प्रशांत इस प्रचार टीम का हिस्सा नहीं थे। चुनाव के बाद अब जगन ने साफ किया है कि उनके लिए प्रशांत का नहीं बल्कि आईपैक की टीम का महत्व है। उन्होंने प्रशांत किशोर के इंटरव्यू के लिए भी चुनाव आयोग में शिकायत की है। उनका कहना है कि प्रचार खत्म होने के बाद साइलेंट पीरियड में इंटरव्यू चलाया गया है, जिसके लिए पत्रकार रवि प्रकाश और प्रशांत किशोर के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।