रावड़ी आवास पर हुई इफ्तार पार्टी के बाद से ही बिहार कि राजनीतिक गलियारों में यह अटकलें लगाई जा रही थी कि मुख्यमंत्री नीतीश अब तेजस्वी का साथ दे सकते है। यह चर्चा अभी तक पूरी तरीके से खत्म भी नहीं हुई थी की गुरूवार को जदयू द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी (Iftar Party) में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हिस्सा ले कर एक बार फिर से सीएम के सामने अनेक सवालों को खड़ा कर दिया है। हालांकि सीएम ने इन सभी अटकलों पर यह कहते हुए विराम लगाते हुए कहा कि कोई अगर किसी कार्यक्रम में सम्मान बुलाए बुलाए तो जाना पड़ता है।
कॉमन सिविल कोड पर सियासत तेज
हालांकि जदयू और भाजपा के नेताओं ने इसे राजनीतिक रूप न देने की बात कहीं है। उनके अनुसार इस तरह के सामाजिक कार्यक्रम में हर दल के नेता शामिल होते है। सभी का पूरा आदर सम्मान दिया जाता है। इसमें राजनीति से संबंधित कोई चर्चा नहीं होती। वहीं इन मुद्दों पर बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने भी अपना पक्ष रखा है। वहीं बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कॉमन सिविल कोड के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि प्रदेश में इसकी बिलकुल जरुरत नहीं है। बिहार सरकार हमेशा प्रेम भाईचारा के साथ चलते आई हैं। यहीं वजह है कि हम ऐसा कोई काम हम नहीं करते हैं जिससे आपसी प्रेम और भाईचारा में कोई खटास पैदा हो।
राजनीतिक रंग न देने की दी सलाह
बता दें कि कल हज भवन में आयोजित इफ्तार पार्टी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को उनके गाड़ी तक छोड़ने गए इस पर जवाब देते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि इससे राजनीतिक रंग देने की कोई जरूरत नहीं है। राजद द्वारा जब इफ्तार पार्टी आयोजित किया गया था तो उन्होंने हमें बुलाया था। इसी कारण हमने भी उन्हें बुलाया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा प्रेम और भाईचारा की बात करते है। साथ ही उन्होंने कहा कि किसी से मुलाकात करने पर कयास नहीं लगाने चाहिए। हालांकि मंत्रिमंडल विस्तार पर अशोक चौधरी ने साफ तौर पर कहा कि यह मुख्यमंत्री और भाजपा के बीच की बात है। हमें इसकी अधिक जानकारी नहीं है।
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