जदयू और भाजपा के रिश्तों में एक बार फिर बौखलाहट का सुर लग गया है। इस बार इसके जनक राज्यसभा के उपसभापति और जदयू सांसद हरिवंश हैं। जदयू और भाजपा के रिश्तों में अलगाव के महीनों बाद भी राज्यसभा के उपसभापति के कुर्सी पर विराजे हरिवंश पर अब जदयू ने संयम खो दिया है। हरिवंश ने अभी तक न पार्टी लाइन के खिलाफ कोई बात कही है और न ही कोई आचरण किया है। लेकिन जदयू की ओर से उन्हें बाहर करने के लिए पुराना हथियार चला दिया गया है। खुलेआम हरिवंश के खिलाफ जदयू ने मोर्चा खोल दिया है।
संसद उद्घाटन में शामिल होने से नाराज है जदयू
जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि हरिवंश ने अपना जमीर बेच दिया है। नीरज कुमार यहीं नहीं रुके। उन्होंने यह भी कह दिया कि हरिवंश ने राजनीति के साथ साथ पत्रकारिता को भी कलंकित किया है। नीरज ने कहा कि हरिवंश ने अपनी लेखनी और जमीर को बेच दिया है। जहां राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का अपमान किया गया हो, उस कार्यक्रम में चले गए। नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में हरिवंश के शामिल होने से नीरज कुमार नाराज हैं।
प्रशांत, आरसीपी, कुशवाहा… भी ऐसे ही हुए थे बाहर
जिस अंदाज में जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने हरिवंश पर हमला किया है, उससे यही लग रहा है कि इतिहास एक बार फिर दुहराया जाएगा। नीरज कुमार के बयानों से साफ लग रहा कि हरिवंश के लिए अब जदयू में जगह नहीं हैं, उन्हें भाजपा या किसी दूसरे दल में शामिल होना होगा। जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे प्रशांत किशोर, राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे आरसीपी सिंह और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष रहे उपेंद्र कुशवाहा पर भी पहले बयानों के तीर चले। बाद में सबने अपनी अलग राह पकड़ी।