राजद प्रदेश अध्यक्ष के छोटे बेटे इंजीनियर अजीत सिंह ने मंगलवार को जदयू में शामिल हुए। जिसके बाद से ही राजद खेमे में हलचल मची हुई है। वहीं जदयू में शामिल हुए अजित सिंह (Ajit Singh) ने अपने बयान में कहा था कि राजद अब कार्यकर्ताओं के लए क़ब्र गाह बन कर रह गया है। वहां कार्यकर्ताओं को इज्जत नहीं मिलती। साथ ही उन्होंने राजद पर आरोप लगाते हुए कहा था कि राजद में जो सुटकेश लेकर जाते है केवल उन्हें ही टिकट मिलता है और वहीं आगे जाकर विधायक, एमएलसी और एमपी बनाए जाते है।
राजद में शोषित और वंचित को मिला है सम्मान
वहीं जदयू की सदस्यता लेने के दौरान अजीत सिंह के राजद के खिलाफ दिए गए बयान के बाद विपक्ष ने प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है। जिसमें राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि अजित सिंह ने जदयू को चुना हैं तो ऐसे में राजद के खिलाफ बयान देंगे ही। हालांकि इस बात में बिलकुल सचाई नहीं है, सभी को पता है की राजद शोषित और वंचित को हमेशा सम्मान और पनाह देता आया है। साथ ही उन्होंने कई उदाहरण देते हुए कहा कि भगवतिया देवी जैसी महिला को राजद ने सदन में जगह दी है।
राजद पार्टी सभी के लिए है विश्वविद्यालय
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जदयू का कोई वजूद नहीं रह गया है। वह अब बटोरअन पार्टी बन चुकी है, जो दूसरें पार्टी के नेताओं को तोड़कर और लुभाकर अपनी पार्टी में शामिल करा रही है। वह केवल अपना वजूद बचाने में लगी है। हालांकि दूसरें पार्टी के नेता जब जदयू में शामिल होते है तब बड़े धूम धाम से उनका स्वागत होता है लेकिन फिर कुछ दिनों बाद वह गुमनामी में खो जाते है। जदयू को केवल भाजपा के बुलडोजर से भयभीत है इसलिए वह दूसरों कि पार्टी तोड़ कर खुद में शामिल कर रहे है। जदयू में कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं मिलता। जल्द ही पार्टी का सूर्यास्त होने वाला है। साथ ही जदयू पर तंज कसते हुए कहा कि राजद पार्टी सभी के लिए विश्वविद्यालय है नीतीश कुमार भी यहीं से राजपाठ सीख कर निकले है।