नीतीश कुमार ने दूसरी बार भाजपा का साथ छोड़ राजद के साथ सरकार बनाई है। भले ही नीतीश कुमार यह कहें कि वे अब जीवन में भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। लेकिन राजनीतिक हलकों में कई लोग ऐसे हैं जो इस बात से इनकार नहीं करते कि नीतीश फिर भाजपा के साथ जा सकते हैं। हालांकि जदयू ऐसी किसी संभावना का कड़ा प्रतिकार करता है। लेकिन अब यही दावा कभी नीतीश के अत्यंत करीबी रहे प्रशांत किशोर ने किया है। प्रशांत का कहना है कि नीतीश कुमार एक बार फिर भाजपा के साथ जा सकते हैं। साथ ही प्रशांत ने इसकी वजह और संभावना भी बताई है।
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‘नीतीश ने खुला छोड़ रखा है रास्ता’
प्रशांत किशोर का कहना है कि भाजपा और जदयू पूरी तरह अलग नहीं हुए हैं। एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए प्रशांत ने बताया है कि BJP और JDU का संबंध एक सिरे पर अभी भी जुड़ा हुआ है। प्रशांत ने कहा कि नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ संबंध बेहतर करने के सभी रास्ते बंद नहीं किए हैं। अभी भी एक रास्ता है जो खुला हुआ है। प्रशांत ने कहा कि उन्होंने इसके लिए अपने एक खास नेता को तमाम पचड़ों से दूर रखा है।
हरिवंश ने नहीं दिया है इस्तीफा
भाजपा और जदयू के बीच अब तक जुड़े सिरे के रूप में प्रशांत किशोर हरिवंश का नाम बता रहे हैं। राज्यसभा के उपसभापति से हरिवंश ने इस्तीफा नहीं दिया है। जबकि वे जदयू के ही सांसद हैं और भाजपा-जदयू के अलगाव को 10 हफ्ते से अधिक का वक्त बीत गया है। प्रशांत कह रहे हैं हरिवंश का इस्तीफा इसीलिए नहीं करवाया गया है ताकि भाजपा से संवाद कायम रहे।
जदयू सांसद हरिवंश भाजपा की मदद से ही उपसभापति
राज्यसभा सांसद के रूप में हरिवंश दूसरा कार्यकाल निभा रहे हैं। दोनों बार उन्हें जदयू ने ही भेजा है। लेकिन हरिवंश राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश कभी भाजपा की मदद के बिना नहीं बन सकते थे। भाजपा से अलगाव के बाद नीतीश कुमार जिस रूख पर बात करते हैं, उससे हरिवंश का पद पर बने रहना अखरता है। यही बात प्रशांत भी कह रहे हैं।