झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर कमीशन घोटाला मामले में गिरफ्तार हुए मंत्री आलमगीर आलम को लेकर एक और खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि जनवरी के महीने में पास हुए 92 करोड़ के 25 टेंडर में मंत्री ने 123 लाख रुपए वसूले। ईडी ने बताया कि इसमें नीचे से लेकर ऊंचे स्तर के अधिकारियों का कमीशन तय था।
इस कड़ी में ईडी ने 14 दिनों की रिमांड पर पूछताछ के बाद मंगलवार को मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल व संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम को रांची स्थित पीएमएलए कोर्ट में प्रस्तुत किया। इस दौरान जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर कमीशन घोटाले में इंजीनियर, अधिकारी व मंत्री का एक संगठित गिरोह सक्रिय था।
ईडी ने सबूत के तौर पर जनवरी में पारित 92 करोड़ के 25 टेंडर के ब्यौरे से संबंधित एक पेपर भी कोर्ट में जमा किया। जिसमें इस बात क जिक्र है कि मंत्री आलमगीर आलम ने उक्त सभी 25 टेंडर में कमीशन के रूप में 1.23 करोड़ रुपए लिया था।
बता दें कि मंत्री आलमगीर आलम 15 मई को गिरफ्तार किए गए थे। पिछले 17 मई से वे ईडी की रिमांड पर हैं। उनकी 6 दिनों की रिमांड बुधवार को पूरी हो गई। ईडी की छानबीन में यह स्पष्ट हो गया है कि टेंडर कमीशन से मनी लांड्रिंग में आलमगीर आलम की भूमिका थी। ईडी का अनुसंधान जारी है।