[Team insider] राज्य में पिछले कई दिनों से धनबाद और बोकारो जिला में स्तरीय पदों की नियुक्ति परीक्षाओं में क्षेत्रीय भाषा को शामिल किये जाने को लेकर आंदोलन चल रहा था। जिसके बाद झारखंड सरकार के कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग द्वारा शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर क्षेत्रीय भाषा की सूची से मगही और भोजपुरी को हटा दिया गया है। जिसके बाद कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि यह किसी की हार जीत नहीं। सरकार सबकी भावनाओं की कद्र करती है।
हम लोगों की भावनाओं का कद्र करते हैं : आलमगीर आलम
वहीं इस मामले पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि हम सरकार में हैं। सरकार सबकी भावनाओं को देखते हुए रास्ता निकालती है और वही रास्ता निकालने की सरकार कोशिश की है। वहीं जीत और हार की बात पर उन्होंने कहा कि हम लोगों की भावनाओं का कद्र करते हैं, लोगों को सुख सुविधा कैसे मिले, सद्भावना कैसे बरकरार रहे, सरकार की योजनाओं को धरातल पर कैसे उतरे इसी की बात हम करते हैं। काम निरीक्षण कर रहे हैं। कौन फायदे में है कौन घाटे में है, किसकी जीत हुई किसकी हार हुई, इसकी समीक्षा नहीं करते हैं। 2024 में चुनाव होगा तब इसकी समीक्षा करेंगे।
हम सरकार के साथ हैं : रामेश्वर उरांव
वही वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि मैं सरकार के साथ हूं इस फैसले में सरकार के साथ हूं। झारखंड में भोजपुरी और मघई भाषा के रहने वाले लोगों को लेकर विवाद बढ़ने की बात पर रामेश्वर उरांव ने कहा कि इस पर कोई भी विवाद बढ़ने की बात ही नहीं है। यहां पहले यह भाषाएं थी नहीं, इसे नया ढंग से लाया दिया गया है। उसको विथड्रॉ कर लिया किया गया, हटाया नहीं गया है। वहीं उर्दू को शामिल किए जाने पर कहा कि उर्दू बिहार का बिहार का द्वितीय भाषा है जो यहां भी लागू कर दिया गया है। हम सरकार के साथ हैं और सरकार ने विवाद को खत्म कर दिया है।
बेरोजगार युवकों में बढ़ती जा रही है तल्खी: राजेश ठाकुर
झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि किसी की हार और जीत नहीं है। वहीं उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवकों की लगातार तल्खी बढ़ती जा रही है, लगातार ऑफिस का चक्कर काटते रहते हैं। आज पंचायत सचिव के अभ्यर्थियों को हमने देखा वह काफी परेशान थे। उनकी भावना को ठेस न पहुंचे हमने कई बार सरकार में कहा है। इन सभी चीजों को अच्छी तरीके से देखना चाहिए। क्या समाधान है, क्यों नहीं ऐसा हो सकता है। इन सारी चीजों को बातचीत करने क्लियर करना चाहिए। ताकि जिस गठबंधन सरकार को जनता ने चुनकर सत्ता सौंपी है। वह उनके समस्याओं के समाधान में खरी उतरे।