बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार, 09 नवंबर 2023 को विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर बरस पड़े। जीतन राम मांझी बिहार की सरकारों पर यह आरोप लगा रहे थे कि आरक्षण का कितना लाभ बिहार में हुआ, इसकी कभी कोई समीक्षा नहीं हुई। यही बात नीतीश कुमार को नागवार गुजरी। बिहार में आरक्षण के दायरे 75 फीसदी तक लाने का श्रेय लेने के वक्त में जीतन राम मांझी के ऐसे बयान सुनकर नीतीश कुमार ने आपा खो दिया। उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी की बातों का कोई सेंस नहीं है। नीतीश ने यह भी कहा कि उनकी मूर्खता थी कि जीतन राम मांझी को सीएम की कुर्सी पर बिठाया। नीतीश कुमार के कहने का पूरा मतलब यही था कि जीतन राम मांझी उनकी ही कृपा पर सीएम बने थे। लेकिन हकीकत कुछ और है।
दरअसल, जीतन राम मांझी के सीएम बनने की कहानी न किसी की कृपा पर आधारित है और न ही जीतन राम मांझी की काबिलियत पर। जीतन राम मांझी जब सीएम बने थे, तो नीतीश कुमार ने उनकी काबिलियत देखकर अपनी कुर्सी नहीं छोड़ी थी। बल्कि नरेंद्र मोदी की 2014 के लोकसभा में प्रचंड जीत और जदयू की करारी हार के बाद जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने इस्तीफा दिया।
16 मई 2014 को लोकसभा चुनाव का नतीजा आया, जिसमें नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा ने सरकार बना ली। इसके बाद चार दिन भी नीतीश कुमार सीएम नहीं रहे। 20 मई 2014 को जीतन राम मांझी सीएम बना दिए गए और 22 फरवरी 2015 तक बने रहे। इससे पहले नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया था और जीतन राम मांझी को सीएम बनाने का प्रस्ताव दे दिया। चाहे-अनचाहे यह स्वीकार कर लिया गया और तब जदयू ने यह क्रेडिट लेने की शुरुआत कर दी कि बिहार को पहला महादलित सीएम नीतीश कुमार ने दिया है।
साल बदला नहीं कि नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी के बीच मनमुटाव की खबरें सरेआम हो गई। मांझी ने तब भी आरोप लगाया था कि उन्हें रबर स्टाम्प सीएम बनाने की कोशिश की जा रही है। यह आरोप वे आज भी लगाते हैं कि उन्हें सीएम पद से इसीलिए हटवाया गया क्योंकि वे नीतीश कुमार के आदेशों को सीधा नहीं मानते थे।
बहरहाल, सीएम पद पर जीतन राम मांझी के उदय और अस्त की कहानी दोनों में नीतीश कुमार को ही क्रेडिट मिला था। नीतीश कुमार ने इस्तीफा दिया तो उनकी नैतिकता की बात हुई। नीतीश कुमार ने जब जीतन राम मांझी को सीएम बनाया तो बिहार को महादलित सीएम बनाने का क्रेडिट नीतीश कुमार को मिला। नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को जब सीएम पद से हटवाया तो उन्होंने अपनी पार्टी के एक बागी गुट के सफलतापूर्वक दमन का क्रेडिट नीतीश कुमार को मिला।