लोकसभा चुनाव सिर पर है और यहां झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री जेल में बंद हैं। हेमंत सोरेन जेल में रहने के बावजूद अपनी पार्टी पर पूरी तरह से नजर बनाए रखें हैं। उनसे मिलने आए दिन कोई न कोई झामुओ का नेता जेल पहुंच जाता है। इतना ही नहीं वे अपने पार्टी के नेताओं को जेल से ही इंस्ट्रक्ट करते रहते हैं। उनके कहने पर पार्टी के नेताओं द्वारा कई कदम उठाए जाते हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को राज्य सरकार में मंत्री बसंत सोरेन, राजमहल से प्रत्याशी विजय हांसदा, गिरिडीह से प्रत्याशी मथुरा महतो और सिंहभूम से प्रत्याशी जोबा मांझी ने होटवार जेल में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की।
दरअसल, झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम द्वारा राजमहल लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की गई है। अब इसके बाद से ही पार्टी ने क्राइसिस मैनेजमेंट शुरू कर दिया है। हालांकि, पार्टि ये दिखाना चाह रही है कि अपने पार्टियों में कोई नाराजगी नहीं है। लेकिन इस मुद्दे को लेकर शुक्रवार को बसंत सोरेन, समेत कई JMM नेता होटवार जेल में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने पहुंचे। बताया जा रहा है कि हेमंत के साथ चुनावी रणनीति पर बातचीत की गई है।
लोबिन और हो समाज से बात करने की जिम्मेदारी बसंत सोरेन को दी गई है। वहीं, जमशेदपुर सीट से प्रत्याशी पर भी बात हुई है। इसकी घोषणा कर दी जाएगी। हेमंत से यह भी बात की गई कि हो जनजाति के लोग सिंहभूम में जोबा मांझी का विरोध कर रहे हैं। दूसरी ओर, चमरा लिंडा लोहरदगा सीट को लेकर अब भी अड़े हुए हैं। हेमंत ने सबकुछ ठीक होने का आश्वासन दिया है।
इस मामले में पूछे जाने पर झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस वार्ता में कहा कि लोबिन हेंब्रम पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। उनके कुछ सवाल हैं। उन्होंने अभी नामांकन नहीं किया है। पार्टी उनसे संपर्क कर रही है। जल्द ही उन्हें मना लिया जाएगा।
महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने सिंहभूम में जोबा मांझी के नाम का हो समाज का विरोध और लोहरदगा से पार्टी विधायक चमरा लिंडा के चुनावी मैदान में उतरने की बात पर कहा कि कहीं कोई विरोध नहीं है। चुनाव में थोड़ी-बहुत नाराजगी चलती रहती है। यह सभी पार्टियों में होता है। कोडरमा में एक खास समाज द्वारा अपने स्तर से जेपी वर्मा को प्रत्याशी घोषित किए जाने पर भी उन्होंने कहा कि यह सब चुनाव के दौरान चलता रहता है।