झारखंड में इन दिनों दो ही बातों की चर्चा हो रही है। एक तो भीषण गर्मी की और दूसरी कल्पना सोरेन की। कल्पना सोरेन को JMM पार्टी हेमंत सोरेन की जगह पर प्रोजेक्ट कर रही है। हालांकि कल्पना सोरेन भी धीरे-धीरे राजनीति के गुण सिख रही है और अपने बयानों से खुद को बेहतर बताने में लगी है। इस क्रम में उन्होंने शुक्रवार को एक बड़ा खुलासा किया।
उन्होंने कहा कि सीता सोरेन ने पार्टी छोड़ने का पहले ही मन बना लिया था। उन्होंने खुद झारखंड मुक्ति मोर्चा से अलग होने का निर्णय किया। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को उन्होंने अप्रत्याशित बताते हुए कहा है कि इससे झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और सोरेन परिवार को झटका लगा। लेकिन हम हारने वालों में से नहीं है। झुकना आदिवासियों के डीएनए में नहीं है।
बता दें कि कल्पना सोरेन को हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं में एक नया जोश भरने का श्रेय दिया जाता है। हालांकि, कल्पना के मुताबिक राजनीति कभी भी उनकी पसंद नहीं रही, लेकिन परिस्थितियों ने उन्हें इसमें धकेल दिया है। वह अन्याय और तानाशाही ताकतों के खिलाफ लड़ेंगी, क्योंकि झुकना आदिवासियों के डीएनए में नहीं है।