लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और झटका लगा है। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते विभाकर शास्त्री ने कांग्रेस छोड़ दी है। बता दें कि वे आज ही भाजपा में शामिल होंगे। जानकारी मिल रही है कि पिछले दिनों कांग्रेस वर्किंग कमेटी में स्थान नहीं मिलने के बाद से वे नाराज चल रहे थे। हालांकि,इससे पहले विभाकर शास्त्री पार्टी में कई अहम पदों पर भी रहे हैं।
विभाकर शास्त्री ने कई बार चुनाव भी लड़ें, लेकिन अपने पिता हरीकृष्ण शास्त्री और दादा लालबहादुर शास्त्री की विरासत को नहीं सहेज पाए। चुनाव के तीन प्रयासों के बाद भी वे अपनी पैठ जनता के बीच नहीं बना पाए। विभाकर शास्त्री ने सर्वप्रथम कांग्रेस के टिकट पर वर्ष 1998 में उत्तर प्रदेश की फतेहपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन महज 24,688 मत ही पा सके। वर्ष 1999 में भी उन्होंने चुनाव लड़ा , लेकिन केवल 95,000 ही वोट मिल पाए। फिर अंतिम बार वर्ष 2009 के चुनाव में उतरे लेकिन एक लाख मत ही हासिल कर पाए। तीन बार प्रयास करने के बाद भी जब विभाकर शास्त्री उम्मीद के अनुसार जनता का समर्थन नहीं मिला तो कांग्रेस की कोर कमिटी में संलग्न हो गए। बताते चलें कि विभाकर शास्त्री राहुल गाँधी की बहन प्रियंका गाँधी वाड्रा के भी सलाहकार रहे हैं।