जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में फैसला वही हुआ, जो पहले से तय माना जा रहा था। यानि ललन सिंह का कार्यकाल जदयू के अध्यक्ष तौर पर समाप्त हो गया। उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही यह भी तय कर दिया कि नीतीश कुमार पार्टी के एक बार फिर अध्यक्ष बनेंगे। यह दूसरी बार हो रहा है जब नीतीश कुमार अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को हटाकर खुद उस पद तक पहुंच जाते हैं। इससे पहले शरद यादव की विदाई भी ऐसे ही हुई थी। वैसे ललन सिंह का अध्यक्ष पद छोड़ने का कारण रोचक है। उन्होंने यह कहते हुए इस्तीफा दिया है कि उन्हें मुंगेर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना है। इसलिए वे उस सीट पर ध्यान देना चाहते हैं। लोकसभा चुनाव के दो माह पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की विदाई जितनी अजीब नहीं है, उससे अजीब मुंगेर लोकसभा सीट का इतिहास है। ललन सिंह उस सीट पर लड़ने के लिए अध्यक्ष पद छोड़ रहे हैं, जहां से वे दो बार सांसद रहे हैं। यही नहीं इस सीट का इतिहास यह भी है कि यहां से भाजपा का कोई उम्मीदवार न कभी लड़ा और न जीता।
दो बार मुंगेर से सांसद रहे हैं ललन सिंह
मुंगेर लोकसभा क्षेत्र (Munger Loksabha Seat) का इतिहास यह है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह यहां से 2009 और 2019 में सांसद रहे हैं। मुंगेर में भी भाजपा कभी नहीं जीती। वैसे भाजपा यहां से कभी लड़ी भी नहीं है। जदयू के साथ गठबंधन रहा तो यह सीट भाजपा ने जदयू को दी है। जदयू से टूटने के बाद यह सीट लोजपा के खाते में गई थी। जदयू वापस गठबंधन में आया तो 2019 में फिर इस सीट पर जदयू ही लड़ी। ललन सिंह फिर सांसद बने। दो बार लोकसभा चुनाव उसी सीट से जीतने के बाद भी इसी सीट पर चुनाव के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना किसी को पच नहीं रहा है।
2014 में 1 लाख वोटों से हारे थे ललन
वैसे ललन सिंह अगर यह फैसला ले रहे हैं तो इसके पीछे का एक कारण यह भी है कि 2014 में ललन सिंह मुंगेर सीट से ही उन्हें 1 लाख से अधिक वोट से हार भी मिली थी। तब जदयू, भाजपा, राजद, कांग्रेस सब अलग अलग लड़े थे। पिछले दिनों अमित शाह ने मुंगेर सीट को लेकर अलग ही माहौल बनाया था और यहीं से भाजपा और एनडीए में नीतीश कुमार के दरवाजे को हमेशा के लिए बंद बताया था। मुंगेर लोकसभा सीट के लिए भाजपा अपनी ताकत झोंक रही है। इससे पहले भाजपा ने कभी यहां अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। यहां वो अपने सहयोगी के भरोसे ही रही है। भाजपा अपनी सहयोगी पार्टी जदयू के साथ मिलकर 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ी थी और उस समय मुंगेर लोकसभा सीट जदयू के खाते में गई थी। उम्मीदवार थे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, उन्होंने चुनाव में जीत भी हासिल की । इसके बाद भाजपा ,जदयू में मनमुटाव हो गया और भाजपा अपनी सहयोगी पार्टी एलजेपी के साथ मिलकर 2014 लोकसभा चुनाव लड़ी और मुंगेर से एलजेपी पार्टी की वीणा देवी को उम्मीदवार बनाया गया।
वीणा देवी ने जदयू ललन सिंह को हराकर सांसद बनी। वहीं 2019 में फिर से जदयू और भाजपा एक साथ मिलकर लोकसभा की चुनाव लड़ा और मुंगेर के सांसद के रूप में ललन सिंह कमबैक किया। चूंकि इस बार जेडीयू भाजपा के साथ अब तक नहीं हैं तो मौजूदा परिस्थितियों में ही चुनाव होते हैं तो लोकसभा चुनाव 2024 में मुंगेर लोकसभा सीट की लड़ाई दिलचस्प हो गई है।